कॉन्स फिल्म फेस्टिवल में हो रहा है प्रदर्शन, रूस के खिलाफ
फ्रांस में कान्स फिल्म फेस्टिवल चल रहा है आपको बता दें यह फेस्टिवल 18 मई से 28 मई तक चलने वाला है | इस बार का कान्स फिल्म फेस्टिवल भारतीयों के लिए बेहद खास है क्योंकि भारत को इस बार कंट्री ऑफ द ऑनर का दर्जा दिया गया है । साथ ही इस बार भारत ने जुरी में भी हिस्सा लिया है । आपको बता दें कि भारत को रिप्रेजेंट करने दीपिका पदुकोण खुद पहुंची है । कान्स फिल्म फेस्टिवल में उसके अलावा तमन्ना भाटिया पूजा हेगड़े, आर माधवन के साथ कहां पहुंचे हैं आपको बता दें कि कान्स फिल्म फेस्टिवल में इस बार रूस और यूक्रेन के प्रति भी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। 75 वे कान्स फिल्म फेस्टिवल के रेड कारपेट पर रविवार को महिलाओं ने यूक्रेन के सपोर्ट में प्रदर्शन भी किया है । रूसी सैनिकों का विरोध करते हुए उन्होंने स्मोक ग्रेनेड यानी गैस के गोले फेंके उसके बाद रेड कारपेट इवेंट कुछ देर के लिए रुकना पड़ा । इसके पहले शुक्रवार को भी एक महिला कान्स फिल्म फेस्टिवल ने यूक्रेन के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे इसके लिए उन्होंने खुद को न्यूड कर रखा था और अपने शरीर पर लिखवाया हुआ था पेंट से कि यूक्रेन में महिलाओं के साथ ज्यातती करना बंद करें। यह विरोध प्रदर्शन रूस के खिलाफ था आपको ।आपको बता दें कि कांस फिल्म फेस्टिवल का है यह 75 वा संस्करण है । कान्स फिल्म फेस्टिवल में फिल्में लांच की जाती है फिल्मों का यह महोत्सव होता है उसमें फिल्मी जगत के लोग शिरकत करते हैं लेकिन इस बार रूस और यूक्रेन का युद्ध की झलकियां भी इस महोत्सव में दिखाई दे रही है । लगातार रेड कारपेट पर लोग प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं।आपको बता दें कि यह घटना तब हुई जब फिल्म कंपटीशन हो रही थी उस समय होली स्पाइडर नाम की फिल्म का प्रीमियर चल रहा था । होली स्पाइडर ईरान के एक फेमिनिस्ट थ्रिलर फिल्म है इसमें एक ऐसी महिला की कहानी है जो वेश्याओं को मारने वाले पुरुष को ट्रैक करती हैं और उसे पकड़ती हैं।यूक्रेन ई राष्ट्रपति वॉलदिमिर जेलेंस्की नहीं फ्रांस में हो रहे 75way कान फिल्म फेस्टिवल को वर्चुअली संबोधित किया था इस दौरान जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा था कि इंसानों में नफरत खत्म हो जाएगी और तानाशाह मचाएंगे डांस 2022 के उद्घाटन पर अपने संदेश राष्ट्रपति ने फिल्म निर्माताओं से फासीवाद बनाने के रूल की तारीफ करते हुए कहा था कि हमें एक नए चैप्लिन की जरूरत है जो यह बता सके कि हमारे वक्त का चुप है।
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