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Friday, April 19, 2024

Kashmir के कुलगाम में जीवाश्म की सबसे बड़ी खोज, अब होगा इन रहस्यों का खुलासा!

नई दिल्ली। धरती के स्वर्ग कश्मीर (Kashmir) पर जीवन कब से है, यह सवाल कई बार पूछा जाता है। इसका जवाब जल्द मिलने की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि दक्षिण कश्मीर के अहरबल (कुलगाम) में दो से तीन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले जीवाश्म स्थल का पता चला है। कयास लगाए जा रहे है कि जीवाश्म 40 करोड़ वर्ष या फिर उससे भी पुराने हो सकते हैं। इस जीवाश्म स्थल की खोज अचानक हुई है और वह भी बायालोजी के दो लेक्चरर ने की है। जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग में बतौर लेक्चरर कार्यरत मंजूर जावेद और डा. रौउफ हमजा घर से औषधीय पौधों की खोज के लिए निकले थे, लेकिन जीवाश्म खोज लाए।

यह जीवाश्म स्थल दक्षिण कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटनस्थल अहरबल में जलप्रपात से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर कुंगवत्तन के रास्ते में संगम तक एक पहाड़ी रास्ते में है। मंजूर जावेद और डा. रौउफ स्कूलों में औषधीय वाटिका स्थापित करने के लिए जारी अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। स्कूलों में औषधीय वाटिकाएं तैयार करने का कार्यक्रम करीब पांच साल पहले तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य सरकार ने शुरू किया था।

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डा. रौउफ ने कहा कि हम रोज इस रास्ते से गुजरते थे, हमने इस पूरे इलाके में कई जीवाश्म को जमा किया और उनकी तस्वीरें ली हैं। यहां आपको जमीन खोदने की जरूरत भी नहीं है, आपको खुले में ही किसी झाड़ी के नीचे या किसी चट्टान में जीवाश्म मिल जाएंगे। हमें लगता कि यह जीवाश्म मौसम की मार के कारण जमीन के ऊपर नजर आ रहे हैं।

मंजूर अहमद ने कहा कि अगर यहां खोदाई की जाए तो हमें जीवाश्म का एक बड़ा खजाना मिलेगा, जो पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को चौंका सकता है। यह जीवाश्म कितने पुराने हैं, यह तो कार्बन डेटिंग से ही पता चलेगा, लेकिन जो शुुरुआती जांच हुई है, उसके मुताबिक यह आडोविशियन और डिवोनी काल के बीच के हैं।

उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान आमतौर पर पाए जाने वाले जीव ब्रायोजोआ त्रिलोबाइट्स, क्रिनोइड्स, ब्राचिओपोड्स, कोरल आदि से संबंधित हैं। हालांकि, अन्य जीवाश्म वनस्पतियों और जीवों के लिए साइट का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।

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दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा जीवाश्म स्थल 

अहरबल में जीवाश्मों की मौजूदगी का पता चलने पर जम्मू कश्मीर पुरातत्व एवं अभिलेखागार और संग्रहाल विभाग के निदेशक मुनीर उल इस्लाम भी अधिकारियों का एक दल लेकर मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यह खोज बहुत अहम है। यह कश्मीर में ही नहीं धरती पर भी जीवन की उत्पति के कई राज खोल सकती है। हमने जीवाश्म स्थल की सुरक्षा के लिए संबंधित प्रशासन को कहा है। इसके अलावा जीवाश्म के अध्ययन में जुटे कश्मीर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से भी बातचीत की है। यह खोज दो अध्यापकों ने की है, जो पेशवेरे खोजी नहीं है, शौकिया हैं। उनकी यह खोज बहुत अहम है। इसके लिए हम सभी को उनकी प्रशंसा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा जीवाश्म स्थल हो सकता है।

Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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