Movie Review: द बिग बुल
निर्देशक: कूकी गुलाटी
निर्माता: अजय देवगन, कुमार मंगत पाठक आदि।
पटकथा: अर्जुन धवन, कूकी गुलाटी। संवाद: रितेश शाह
कलाकार: अभिषेक ए बच्चन, सोहम शाह, निकिता दत्ता, महेश मांजरेकर, सौरभ शुक्ला, राम कपूर और इलियाना डिक्रूज आदि।
ओटीटी: डिजनी प्लस हॉटस्टार
रेटिंग: ***
अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) स्टारर ‘द बिग बुल (The Big Bull)’ ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार (Disney + Hotstar) पर दस्तक दे चुकी है और दर्शकों के बीच खूब पसंद की जा रही है. फिल्म शेयर मार्केट की दुनिया में तहलका मचाने वाले भारतीय स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है, जिस पर पहले ही एक वेबसीरीज ‘स्कैम 1992’ धमाल मचा चुकी है. अब इसे फिल्मी रूप में पेश किया गया है. इसलिए जिस किसी ने भी प्रतीक गांधी स्टारर ‘स्कैम 1992’ देखी है, वह ‘द बिग बुल’ से इसकी तुलना जरूर करेगा.
द बिग बुल की कहानी 2020 से शुरू होती है. जहां एक पत्रकार मीरा राव (इलियाना डिक्रूज) अपनी किताब लॉन्च करती हैं. यहीं से हेमंत शाह (अभिषेक बच्चन) की कहानी की शुरुआत होती है, जो एक चॉल में रहता है, लेकिन उसके सपने बहुत बड़े होते हैं. चॉल में रहने वाला गुजराती हेमंत शाह एक लड़की से प्यार करता है. लेकिन, उसके सामने लड़की के पिता कई तरह की शर्तें रख देते हैं. सपना पूरा करने और प्यार पाने के लिए वह शेयर मार्केट की ओर बढ़ता है.
हेमंत अपने भाई वीरेन शाह (सोहम शाह) के साथ मिलकर शेयर मार्केट में अपना मुकाम बनाने की कोशिश में जुट जाता है और फिर उसे ‘बिग बुल’ के नाम से पुकारा जाने लगता है. हेमंत प्राइवेट और सरकारी बैंकों से लेन-देन के खेल के बीच राजनेताओं के करीब होने लगता है. इसी बीच पत्रकार मीरा हेमंत शाह के बैंक से किए हेर-फेर का खुलासा करने में जुट जाती है. इसके बाद कहानी आगे बढ़ती है।
अभिषेक बच्चन शानदार परफ़ोर्मेंस देते हैं और कई जगह पर सधा हुआ अभिनय करते हैं । वह एक तेजतर्रार, अहंकारी व्यक्ति का किरदार अदा करते हैं लेकिन वह इसमें कहीं भी ओवर कुछ नहीं करते । दिलचस्प बात ये है कि ऐसा ही कुछ किरदार अभिषेक ने अपनी फ़िल्म गुरु में किया था लेकिन अभिनेता ने इस बात का पूरा ख्याल रखा कि उनका द बिग बुल का अभिनय गुरु के अभिनय से मैच न हो । हालांकि, उनके हंसी के संक्षिप्त शॉट्स, अनजाने में मजाकिया लगते हैं जिन्हें सही मायने में हटाया जाना चाहिए था । इलियाना डीक्रूज़ के पास फ़र्स्ट हाफ़ में करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं होता है लेकिन सेकेंड हाफ़ में वह छा जाती हैं । वह अपने किरदार में जंचती हैं । निकिता दत्त अपने रोल में प्यारी लगती हैं और अमिट छाप छोड़ती हैं । सोहम शाह उम्मीद के मुताबिक भरोसेमंद लगते हैं और शुरू से आखिर तक एक मजबूत स्थिति बनाए हुए हैं । महेश मांजरेकर और समीर सोनी अपने स्पेशल अपिरियंस में जंचते हैं । सुप्रिया पाठक शाह (अमीबेन; हेमंत और वीरेन की मां) अपने रोल में जंचती हैं । सौरभ शुक्ला (मनु मालपानी) का अभिनय अच्छा लगता है । राम कपूर (अशोक मीरचंदानी) के पास सीमित स्क्रीन टाइम है लेकिन उसमें भी वे छा जाते हैं । शिशिर शर्मा (राजेश मिश्रा; मीरा के बॉस) ठीक हैं, जबकि लेख प्रजापति (तारा; वीरेन की पत्नी) और हितेश रावल के पास सीमित स्क्रीन टाइम है । ऐसा ही कुछ सुमित वत्स (हरि) के लिए भी जाता है। कानन अरुणाचलम (वेंकटेश्वर) विशेष रूप से उस दृश्य में बहुत अच्छे लगते हैं जहाँ वह अनजाने में राज खोलते हैं । तृप्ति शंखधर (आशिमा; जो ट्रेन में मीरा से मिलती है) और रियो कपाड़िया (एनसीसी एमडी सिंह) के सिर्फ एक दृश्य के होने के बावजूद प्रभाव दर्ज करते हैं।
संगीत औसत है लेकिन अच्छी तरह से बुना गया है । ‘इश्क नमाज’ भावपूर्ण है और खूबसूरती से फिल्माया गया है । टाइटल ट्रैक फ़र्स्ट हाफ में कुछ महत्वपूर्ण दृश्यों में बैकग्राउंड में चलता है । ‘हवाओं में” अंत क्रेडिट के दौरान प्ले किया जाता है । संदीप शिरोडकर का बैकग्राउंड स्कोर ड्रामा में इजाफा करता है ।
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विष्णु राव की सिनेमेटोग्राफ़ी उपयुक्त है । दुर्गाप्रसाद महापात्रा का प्रोडक्शन डिजाइन समृद्ध है । दर्शन जालान और नीलांचल घोष की वेशभूषा 80 के दशक के अंत और 90 के दशक के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है। NY VFXWaala का VFX प्रशंसनीय है । धर्मेंद्र शर्मा का संपादन बहुत ही धीमा और कई जगहों पर काफ़ी तेज लगता है ।
कुल मिलाकर, द बिग बुल वेब सीरिज स्कैम 1992 से तुलना का शिकार होती है । लेकिन फ़िर भी यह शानदार परफ़ोर्मेंस, ड्रामाटिक मोमेंट और अनपेक्षित अंत के कारण दिल जीत ले जाती है ।