नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में पहली बार दुर्गा पूजा के आयोजन के बाद भाजपा ने लक्ष्मी पूजा का भी आयोजन किया जिसका मकसद अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले जनता तक पहुंच बनाना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 अक्टूबर को महाषष्ठी पर कोलकाता के पूर्वी हिस्से साल्ट लेक इलाके में पूर्वी जोनल सांस्कृतिक केंद्र में भाजपा द्वारा दुर्गा पूजा का शुभारंभ करते हुए राज्य के लोगों को संबोधित किया था।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी ने कहा, ‘चूंकि इस साल हमने दुर्गा पूजा का आयोजन किया, इसलिए हमने लक्ष्मी पूजा आयोजित करने का भी फैसला किया। दुर्गा पूजा का जहां आयोजन होता है वहां लक्ष्मी पूजा आयोजित करने की भी परंपरा है।’
उन्होंने कहा कि पार्टी के महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने पूजा अर्चना की। बनर्जी ने कहा कि कोविड-19 संबंधी निर्देशों और सामाजिक दूरी का भी पालन किया गया। महिला मोर्चा की कार्यकर्ताएं पारंपरिक बंगाली परिधान में देवी को भोग चढाती हुई नजर आयीं। पार्टी सूत्रों ने कहा कि लक्ष्मी पूजा आयोजित करने का भाजपा का फैसला बंगाली जनता तक पहुंचने और ‘हिंदी पट्टी की पार्टी’ के छवि से बाहर निकलने का प्रयास है।
बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस ने लक्ष्मी पूजा का ‘राजनीतिकरण’ करने के लिए भाजपा की आलोचना की। तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय ने कहा, ‘हर घर में लक्ष्मी पूजा होती है लेकिन कोई भी राजनीतिक पार्टी इसे आयोजित नहीं करती । भाजपा धार्मिक आयोजनों का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही है।’