नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार (Modi government) पर एक बार फिर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा- केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानून किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’ साबित हो रहे हैं लेकिन उन्हें वापस नहीं लिया जा रहा है।
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 19, 2021
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अखिलेश ने किसानों के समर्थन में नए कृषि कानूनों (Agricultural laws) का विरोध करते हुए गुरूवार शाम वृंदावन में संवाददाताओं से बातचीत में कहा वर्तमान में खेती घाटे का सौदा बन गई है। उस पर तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा केंद्र नए कानूनों के जरिये खेती को पैसे वालों के हाथों में सौंप देना चाहती है। उस स्थिति में किसान या तो मजदूर बन कर रह जाएगा, या फिर आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र की भाजपा नीत सरकार अन्नदाताओं को आतंकवादी करार देती है। उनको विरोध करने से रोकने के लिए ऐसे हथकण्डे अपनाती है जैसे कि वे कोई दूसरे देश से आए हुए घुसपैठिए हों और देश को तबाह कर देना चाहते हों। उन्होंने कहा -देश पर अचानक थोपी गयी नोटबंदी और गलत समय पर किए गए लॉकडाउन ने बड़ी संख्या में युवाओं को बेरोजगार बना दिया। महंगाई बेहताशा व बेलगाम बढ़ रही है जिसको कम करने का कोई भी रास्ता केंद्र सरकार के पास नहीं है।
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केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ये सरकार कुछ उद्योगपतियों को ही बढ़ावा दे रही है जिससे देश में कॉर्पोरेट संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है जबकि जीएसटी की जटिलताओं ने छोटे व्यापारियों को मानसिक तनाव दे दिया है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं लैपटॉप चलाना नहीं जानते। इसलिए वे विद्यार्थियों को लैपटॉप नहीं बांट रहे हैं। वर्तमान सरकार केवल नाम बदलने और पूर्व की योजनाओं का उद्घाटन करने में ही लगी है जबकि विकास कार्यों के नाम पर उसका योगदान शून्य है।