नई दिल्ली। दिल्ली के इंडिया गेट (India Gate) पर जल रही अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) की लौ अब इंडिया गेट पर नहीं दिखाई देगी। इंडिया गेट पर एक स्मारक बना है, जिसमें एक लौ जलती रहती है और एक राइफल टंगी रहती है। अब ये हटा दिया जाएगा और इस लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा। यह लौ करीब 50 साल से इंडिया गेट पर जल रही है।
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इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण
राजधानी दिल्ली में अभी तक अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) इंडिया गेट की पहचान हुआ करती थी, लेकिन अब यह इंडिया गेट की जगह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलेगी। अमर जवान ज्योति को 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया था। इसका उद्घाटन 1972 में गणतंत्र दिवस के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। बता दें कि 2006 तक इसे एलपीजी सिलेंडर से जलाकर रखा जाता था। तभी प्राकृतिक गैस की सप्लाई के लिए एक पाइपलाइन डाली गई।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन
इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) के रूप में जलने वाली आग की लौ को गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलने वाली लौ में विलय कर दिया जाएगा। अमर जवान ज्योति स्मारक के ऊपर एक उल्टी बंदूक और सैनिक का हेलमेट बना हुआ है, जिसके बगल में एक शाश्वत ज्योति (कभी नहीं बुझने वाली आग की लौ) जल रही है। 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, तो यह निर्णय लिया गया था कि अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जाएगी।
एक नई अमर जवान ज्योति लौ जलाई
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण से पहले गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र प्रमुख, सेना प्रमुख और अतिथि प्रतिनिधि अमर जवान ज्योति पर ही शहीद सैनिकों का सम्मान करते थे। लेकिन बाद में इस पूरी प्रकिया को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में स्थानांतरित कर दिया गया। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक नई अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) लौ जलाई गई है। अब सभी मौकों पर यहीं शहीदों के लिए श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं।
नेशनल वार मेमोरियल ले जाने की ये है वजह
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों और गुमनाम नायकों की याद में बनाया गया था, जिन्होंने आजादी के बाद से देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। नया स्मारक इंडिया गेट परिसर में 40 एकड़ में फैला है, जिसकी दीवारों पर शहीद हुए सैनिकों के नाम हैं।
सूत्रों की मानें तो क्योंकि अबतक शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई जगह नहीं थी। इसलिए अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) को इंडिया गेट पर रखा गया था। अब नेशनल वार मेमोरियल बन चुका है तो इसे वहां ले जाने में कोई परेशानी नहीं है।