नई दिल्ली : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री Captain Amrinder Singh ने नई पार्टी के गठन का ऐलान कर दिया। Captain ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन के दरवाजे भी खोल दिए हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक शर्त जोड़ दी है। यह तभी Possible होगा जब कृषि आंदोलन का समाधान किसानों के हित में किया जाता है। पंजाब का CM पद गंवाने के बाद जिस तरह Captain लगातार Delhi के चक्कर लगा रहे हैं और PM मोदी और गृहमंत्री Amit Shah से मुलाकात कर रहे हैं, उसके बाद उनके बयान से यह संकेत जरूर मिलता है कि केंद्र सरकार (Central Government) उनसे मशविरा लेकर अंदरखाने किसान आंदोलन खत्म कराने के लिए प्रयास कर रही है।
पापा Virat Kohli ने की वामिका की प्यारी सी तस्वीर Social Media पर शेयर
हालांकि Central Government और किसान आंदोलन के नुमाइंदों के बीच तकरीबन 10 चरणों में चली बातचीत और उस दौरान दोनों पक्षों के अड़ियल रवैये को देखते हुए फिलहाल किसान आंदोलन जिस जटिल मोड़ पर पहुंच गया है, उसका कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। Kissan Andolan का यदि कोई हल निकलता है तो यह BJP और Captain Amrinder Singh दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इस एक मामले पर ही दोनों की Politics भी टिकी हुई है। किसान आंदोलन यदि इसी तरह जारी रहता है तो कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए भाजपा के साथ जाना रिस्की हो सकता है। BJP का राज्य में जिस तरह का तीखा विरोध है, उसका खामियाजा सीधे तौर पर कैप्टन को भी भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में यह भाजपा और कैप्टन, दोनों के ही हित में होगा कि पंजाब में चुनाव से पहले किसान आंदोलन का कोई समाधान निकल आए।
हाल ही में केंद्र सरकार ने सीमांत राज्यों में बीएसएफ के क्षेत्राधिकार के दायरे को 10 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक कर दिया है। इसका पंजाब में भी विरोध हो रहा है। कांग्रेस ने इसे लेकर आरोप लगाया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सलाह पर ही केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। भले ही कैप्टन अमरिंदर और भाजपा के बीच अंदरखाने कोई सहमति हो, लेकिन खुलकर साथ आने का रिस्क फिलहाल नहीं लिया जा सकता। ऐसे में कैप्टन अमरिंदर यदि यह कहते हैं कि किसान आंदोलन का हल निकलने पर वह भाजपा के साथ जा सकते हैं तो फिर इसके मायने हैं। यह संभव है कि पंजाब में चुनाव से पहले कोई हल निकल आए।