नई दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) में जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है और उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा।
इस बिल(जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन(संशोधन) विधेयक, 2021) का जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने से कोई लेना-देना नहीं है, उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा: गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/0RYd0wBhFY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2021
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लोकसभा में उन्होंने बार-बार इस विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से इस विधेयक कोई संबंध नहीं है, सहीं समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या? शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।
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गृह मंत्री ने कहा इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। J-K & लद्दाख का राजनीतिकरण न करें। यदि आप एक राजनीतिक लड़ाई चाहते हैं, तो रिंग में आएं और प्रतिस्पर्धा करें। कोई भी डरा हुआ नहीं है। यह (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) हमारे देश का एक संवेदनशील हिस्सा है। उन्हें चोट लगी है और संदेह है। इस सदन की ज़िम्मेदारी है कि उन्हें आराम दिया जाए, उनके ज़ख्मों को कुरेदना नहीं।
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शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं। एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? उन्होंने कहा कि अफसरों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धम्रनिरपेक्ष कहते हैं। गौरतलब है कि एआईएमआईएम सांसद असादुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने जम्मू कश्मीर में आबादी के हिसाब से मुस्लिम अफसरों की संख्या कम होने का आरोप लगाया था।
इसके आलावे 4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा, असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है। उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे। यह मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है।