नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) को अपने पाले में लाकर भाजपा खुद की पीठ थपथपा रही है। अपने परिवार की पार्टी सपा का साथ छोड़कर अपर्णा ने भाजपा का हाथ तो थाम लिया, लेकिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह से मिलना अपर्णा के लिए अब भी मुश्किल बना हुआ है। भाजपा की सदस्यता लेने के बाद यूं तो अपर्णा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर यूपी के तमाम भाजपा नेताओं से मुलाकात की। लेकिन अमित शाह से मुलाकात नहीं हो सकी।
UP Assembly Election: मुलायम सिंह यादव के घर में सेंध!बहू Aparna Yadav ने थामा BJP का दामन
10 घंटे करना पड़ा इंतजार
सूत्र बता रहे हैं कि, शाह से मिलने के लिए पार्टी में आने के बाद पहले ही दिन अपर्णा को करीब 10 घंटे इंतजार करना पड़ा। इसके बावजूद दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी। भाजपा मुख्यालय से अपर्णा को खाली हाथ लौटना पड़ा। गुरुवार को भी नई भाजपा नेत्री और शाह की मुलाकात की कोई खबर सामने नहीं आई। न ही भाजपा की ओर से या फिर अपर्णा की ओर से शाह की मुलाकात का कोई फोटो सोशल मीडिया पर डाला गया।
बुधवार को भाजपा (UP Assembly Election) में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने कहा कि मैं हमेशा से पीएम से प्रभावित रहती थी, मेरे चिंतन में सबसे पहले राष्ट्र है। अब मैं राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं। मैं स्वच्छ भारत मिशन, महिलाओं के लिए स्वावलंबित जीवन समेत भाजपा की अन्य सभी योजनाओं से प्रभावित रही हूं। मैं भाजपा का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मुझे पार्टी का हिस्सा बनने का मौका दिया।
कौन हैं अपर्णा यादव
अपर्णा बिष्ट का जन्म 01 जनवरी 1991 को हुआ था। उनके पिता अरविंद सिंह बिष्ट एक मीडिया कंपनी में थे। सपा सरकार में वह सूचना आयुक्त भी रहे। अपर्णा की मां अंबी बिष्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं। अपर्णा की स्कूली पढ़ाई लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट स्कूल से हुई है। अपर्णा ने ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन एंड पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री ली है।
अपर्णा ने भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में नौ साल तक शास्त्रीय संगीत में औपचारिक शिक्षा ग्रहण की है। वह ठुमरी गायन में निपुण हैं। बता दें, अपर्णा यादव को घूमने का शौक है और वह कई यूरोपियन देश में घूम चुकी हैं।
स्कूल के दिनों में हुई थी प्रतीक से मुलाकात
स्कूल के दिनों में ही अपर्णा की मुलाकात सपा नेता मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक से हुई है। अपर्णा और प्रतीक की एक बेटी है। हालांकि प्रतीक की राजनीति में तो कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन अपर्णा यादव उत्तर प्रदेश की चर्चित राजनीतिक हस्तियों में से एक हैं और साल 2017 में वे सपा के टिकट पर कैंट से चुनाव लड़ चुकी हैं।
लखनऊ कैंट से टिकट की मांग
अपर्णा यादव ने 2017 का विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election)समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से लड़ी थी। उस चुनाव में उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था। बीते चार सालों से अपर्णा लखनऊ के सरोजनी नगर इलाके में अपर्णा जीव आश्रम नामक एनजीओ चला रही हैं। जहां गाय, भैंस और कुत्तों की देखभाल होती है। इस बार रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से अपने बेटे के लिए भाजपा का टिकट मांग रही हैं।
उन्होंने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखकर बेटे को टिकट दिलाने के लिए खुद इस्तीफा देने का प्रस्ताव रखा। लेकिन अब अपर्णा के भाजपा में शामिल होने से रीता जोशी के बेटे का टिकट खटाई में पड़ता दिख रहा है।
कई बार कर चुकी हैं भाजपा का समर्थन
अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी की लाइन के खिलाफ जाकर अपने बयान के लिए जानी जाती हैं। यादव ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात करते हुए कहा था कि मैं तो भगवान श्रीराम के साथ हूं, चाहती हूं कि श्रीराम का मंदिर बने। उन्होंने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए 11 लाख 11 हजार रुपये का चंदा भी दिया था। अपर्णा ने समाजवादी पार्टी के रुख के उलट एनआरसी यानी नागरिकता कानून का समर्थन किया था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म करने का भी समर्थन किया था।