नई दिल्ली। आज 15 जनवरी को भारत में आर्मी दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना आज 73वां स्थापना दिवस मना रहीं है। भारत में आज के दिन से क्या इतिहास जुड़ा है, क्यों हम आज का दिन आर्मी दिवस के रुप में मनाते है और कौन सी कहानी- किस्सें आज के दिन से जुड़े है। इस सबके बारें में हम आपको बताएंगे।
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आर्मी दिवस का इतिहास
हर किसी का एक इतिहास होता है, हर किसी के पीछे कोई कहानी होती है, हर एक का कोई तो सच होता है। आर्मी दिवस जो हम भारतीय आज 15 जनवरी को मनातें है उसके पीछे भी इतिहास जुड़ा हुआ है। तो आज रुबरु होते है इसी इतिहास से, आज के दिन ही भारतीय सेना पूरी तरह से ब्रिटिश सेना से आजाद हुई थी।
इतिहास के पन्नें पलटे तो साफ- साफ लिखा है कि 15 अगस्त 1997 को जब देश आजाद हुआ था। तो देश में उस वक्त देश में काफी उथल-पुथल मच गई थी। तब से सरकार ने इस स्थिति को समालने के लिए सेना को आना पड़ा। और उसके बाद व्यवस्था को सही किया गया था। परन्तु भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे।
और आज के दिन ही जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल से कमांडर इन चीफ बनाया गया। जो कि करियप्पा किप्पर के रुप से काफी मशहूर रहे काफी समय तक। इस तरह से लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। इसीलिए कहा जाता है कि करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है आर्मी दिवस।
आपको बता दे कि भारतीय आर्मी दिवस का गठन 1776 में हुआ था, जो कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकत्ता में किया था। और आज के वक्त में भारतीय आर्मी मे 53 कैंटोनमेंट और 9 आर्मी बेस है।
कैसे मनाते है आर्मी दिवस
इसी लिए आज के दिन राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्दांजलि दी जाती है और साथ में शहीदों की विधवाओं को और उनके परिवार वालों को सम्मानित किया जाता है। और देश भर में सेना परेड भी होती है साथ ही झाकिंया भी निकाली जाती है।