नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की आज तीसरी पुण्यतिथि है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने ‘सदैव अटल’ समाधि स्थल जाकर अटल बिहारी वाजपेयी के श्रद्धांजलि अर्पित की। वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी के जिंदगी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते बताने जा रहे है जो उन्होंने देशहित में किए थे।
बता दें कि अटल बिहार वाजपेयी देश के इकलौते गैर-कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने लाल किले की प्राचीर से देश को छह बार संबोधित किया है। उनके भाषण में नाटकीयता और बीच-बीच में कविताओं की पक्ति भारत के बदलते हुए तेवर की झलक दे देती थी। वाजपेयी 15 अगस्त 1998 को पहली बार लाल किले की प्राचीर से अपना भाषण दिया था। जब उन्होंने अपनी भाषण शुरू किया तो उस भाषण में 11 और 13 मई को पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण धमक साफ सुनाई पड़ी थी। पोखरण परीक्षण की ‘जयकार’ के बीच लाल किले से अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान को पैगाम दिया था।
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, राष्ट्रपति देश छोड़कर भागे
पहले भाषण में पोखरण परीक्षण का जिक्र
वाजपेयी ने लाल किले की प्राचीर से भारत के बदलते हुए तेवर की झलक देते हुए कहा था-“हमें अपनी सेना को अत्याधुनिक बनाना पड़ेगा.किसी भी संकट का डटकर मुकाबला कर सकें. हमारी स्वतंत्रता और अखंडता अक्षुण रख सकें. इसी उद्देश्य से हमने 11 और 13 मई को पोखरण में परमाणु विस्फोट किया था. पोखरण परमाणु विस्फोट एक रात का खेल नहीं था. हमारे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, टेक्नीशियनों और सुरक्षाबलों को वर्षों का यह फल था”उनके भाषण को सुनकर विरोधी भी तारीफ करने को मजबूर हो गए थे।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी को उनके कई ऐतिहासिक कदमों के लिए याद किया जाता है, चाहे वो बात परमाणु परीक्षण हो या फिर कश्मीर पर उनकी पॉलिसी। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भाषण के दौरान वह अपने बातों को जोरदार तरीके से रखते थे। वाजपेयी ने 1999 में कहा था- “मैंने एक ऐसे भारत की कल्पना की है, जो भूखा, डर और अशिक्षा से मुक्त हो। इसके खुशहाल और मजबूत हो. एक भारत, जो महान राष्ट्रों के समूह में सम्मान का स्थान प्राप्त करता हो”।
श्रद्धांजलि: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि है, आज
कश्मीर एक जमीन का टुकड़ा भर नहीं
वाजपेयी ने जम्मू और कश्मीर को लेकर अपनी एक भाषण के दौरान बड़ी बात कहीं थी। उन्होंने कहा- “भारत के लिए कश्मीर सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा भर नहीं है बल्कि यह सर्व धर्म समभाव धर्मनिरपेक्षता की परीक्षा है.“भारत हमेशा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की परीक्षा के लिए खड़ा रहा है. जम्मू और कश्मीर इसका सबसे जीता-जागता हुआ उदाहरण है और वह है कश्मीरियत.
कांग्रेस और राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट बहाल, पार्टी बोली-सत्यमेव जयते
करगिल में जीत के बाद वाजपेयी का भाषण
जब 1999 में भारत ने पाकिस्तान को कारगिल युद्ध में करारी मात दिया था तब उन्होंनेआर्थिक तरक्की पर फोकस करते हुए अपने भाषण में कहा- “आओ, हम भारत को हर क्षेत्र में उच्च उपलब्धि हासिल करने वालों का देश बनाएं। व्यापार और अर्थव्यवस्था में, शिक्षा में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में, कला और संस्कृति में, और खेल में भी। आइए हम भारत को ‘उपलब्धि’ का पर्याय बनाएं, उस तरह की उपलब्धि जिसे विश्व स्तर पर बेंचमार्क किया जा सकता है,”।