नई दिल्ली। केन्द्रीय ट्रेड यूनियन की तरफ से केन्द्र सरकार के श्रमिक, किसान एवं जनविरोधी नीति के खिलाफ बुलाए गए बंद का मिला-जुला असर ओडिशा में देखने को मिला है। हालांकि प्रदेश में कुछ जगहों पर व्यापक असर भी देखने को मिला है। इसका प्रभाव जाजपुर जिले में ज्यादा देखने को मिला है। कलिंगनगर औद्योगिक क्षेत्र के साथ कालियापाणी, खदान इलाका, व्यासनगर, पाणीकोइली, धर्मशाला एवं चंडीखोल आदि जगहों पर श्रमिक संगठनों ने जबरन दुकान बाजार को बंद करा दिया। संगठन के सदस्यों ने कई जगहों पर सड़क अवरोध किया तो कई जगहों पर ट्रेनों के आवागमन को रोक दिया।
राजधानी भुवनेश्वर एवं कटक में बंद का खासा असर नहीं देखा गया है। भुवनेश्वर एवं कटक में भी यूनियन के सदस्यों ने ट्रेन एवं बस सेवा को बाधित किया। भद्रक, चांदबाली, केन्दापड़ा, आरडी-भद्रक मुख्य मार्ग को संगठन के सदस्यों द्वारा बंद कर दिए जाने से मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लम्बी कतारें देखने को मिली है।
शैवपीठ आखंडलमणि धाम एवं चांदबाली-भद्रक, चांदबाली-केन्द्रापड़ा, आरडी-भद्रक मुख्य मार्ग पर संगठन के सदस्यों द्वारा बंद कर देने से मार्ग के दोनों तरफ सैकड़ों वाहनों की लम्बी कतारें लग गई। बंद का खासा प्रभाव भद्रक जिले में भी देखने को मिला है। भद्रक बंत चौक के पास 16 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद समर्थकों ने अवरुद्ध कर दिया है। इससे लोगों को कई प्रकार की असुविधा का सामना करना पड़ा है।
सुबह विभिन्न संगठन के सदस्यों की तरफ से पिकेटिंग कर विभिन्न चौक चौराहे को जाम कर दिया गया। दुकान बाजार बंद करा दिए गए। जिले के हरभंगा, कंटामाल एवं बौद्ध ब्लाक में बंद का प्रभाव देखा गया है। सुवर्णपुर, पारादीप तथा गुणुपुर में बंद का प्रभाव देखा गया है।
भारत बंद की घोषणा देश के 10 ट्रेड यूनियनों की ओर से बुलाए गए है इसका व्यापक असर बालेश्वर, मयूरभंज जिले में देखा गया है। बस अड्डा हो या रेलवे स्टेशन या कोई भी भीड़भाड़ वाला इलाका या चौराहा वाम दलों के नेता सड़कों के बीचोंबीच रास्तों को जाम करके बैठ गए। गाड़ियां हो या रेलगाड़ियां हो सब पूरी तरह से बंद पड़े थे।
बालेश्वर रेलवे स्टेशन पर भी कई गाड़ियों को रोका गया है। श्रम कानून कृषि कानून को समाप्त करने के लिए देश के 10 ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ वामदल और कांग्रेस भी इस 24 घंटा भारत बंद में शामिल हो गई। इन लोगों की मांग है कि केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी कानून को जल्द से जल्द समाप्त करें नहीं तो आने वाले दिनों में और तीव्र आंदोलन किया जाएगा।