नई दिल्ली। हिमेश रेशमिया (Himesh Reshammiya) को बॉलीवुड में ऑलराउंडर की गिनती में गिना जाता है क्योंकि वे सिंगर, कम्पोजर होने के साथ ही फिल्मों में एक्टिंग भी कर चुके हैं। वे नाक से गाना गाने के कारण अपने करियर के शुरुआती दौर में बहुत ट्रोल भी हुए हैं लेकिन इस बात से वे कभी परेशान नहीं हुए बल्कि ट्रोलर्स को उन्होंने यही जवाब दिया कि उन्होंने अपनी नाक की वजह से ही न जाने कितने पुरस्कार जीते हैं इसलिए उन्हें उसपर गर्व है।
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अपना 43 वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं हिमेश ‘आशिक बनाया आपने’, ‘झलक दिखला जा’ जैसे सुपरहिट गीत गाने वाले हिमेश सिर्फ पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए गायक बने हैं। हिमेश पिछले कुछ सालों में रियलिटी शोज में भी खूब नजर आए हैं। कई सारे नए गायकों के लिए वे आदर्श भी हैं। शुक्रवार को हिमेश रेशमिया अपना 43 वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। हिमेश के जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
हिमेश अब तक 700 से ज्यादा गाने गा चुके हैं और उन्होंने 120 गानों को कम्पोज किया है। 2003 में फिल्म ‘तेरे नाम’ से उन्हें संगीत निर्देशक के रूप में सफलता मिली है। वे हिंदी सिनेमा के पहले ऐसे सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर हैं, जिन्हें उनके पहले गाने के लिए ही फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू सिंगर के अवॉर्ड से नवाजा गया। हिमेश को ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से ब्रेक मिला। हिमेश के पिता जी ने सलमान खान को एक फिल्म के लिए साइन किया था जो कि बन ही नहीं पाई। एक समय सलमान को हिमेश के गाने बहुत पसंद आए और उन्होंने हिमेश को ब्रेक दिलवाया। वहीं दीपिका पादुकोण को पहली बार हिमेश रेशमिया के म्यूजिक वीडियो में देखा गया। वे दिल की सुर्ख दीवारों पे.. नाम है तेरा तेरा… गीत में पहली दफा नजर आई थीं।
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हिमेश (Himesh Reshammiya) के पहले एलबम ‘आप का सुरूर’ के बारे में ये बात आश्चर्य का विषय है कि यह आज भी इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री के इतिहास में सबसे ज्यादा बिकने वाला एलबम है। साल 2007 में हिमेश रेशमिया ने आप का सुरूर फिल्म के साथ अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी।हिमेश रेशमिया अपनी फिल्म ‘आपका सुरूर’ की शूटिंग के लिए जर्मनी में भारतीय ऑटो लेकर गए थे। उन ऑटो के ड्राइवर को भी वे यहीं से ले गए थे। इस काम को करने में उन्हें 75 लाख का खर्च आया था और उनके इस निर्णय के कारण जर्मनी के इतिहास में पहली बार वहां की सड़कों पर भारतीय ऑटो चले थे।हिमेश ने लंदन के वेंबले स्टेडियम में प्रस्तुति दी है और ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय हैं। उनकी फिल्म ‘कजरारे’ को जॉर्डन के ऐतिहासिक शहर पेट्रा में शूट किया गया था। इससे पहले यहां कोई भारतीय फिल्म कभी शूट नहीं हुई थी।
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