नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को भाजपा में शामिल होने का न्योता दिया। अधिकारी ने एक दिन पहले दावा किया था कि उनकी पार्टी के सहयोगी उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि तृणमूल में निष्ठावान और कर्मठ लोगों’ के लिए कोई जगह नहीं है और केवल भाजपा में ही ऐसे लोगों को स्वतंत्र होकर काम करने का अवसर मिलता है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर पार्टी को तोडऩे का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि अधिकारी उनकी पूंजी’ हैं।
राज्य के परिवहन मंत्री अधिकारी ने शनिवार को पुरुलिया में दिए अपने संबोधन में कहा था कि वह कठिन परिश्रम से पार्टी में ऊंचे पद तक पहुंचे हैं और उन्हें पैराशूट से सफलता नहीं मिली है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनके द्वारा पार्टी में शामिल किये गए लोग अब उनके विरोधी बन गए हैं।
खान ने यहां संवाददाताओं से कहा, तृणमूल में कठिन परिश्रम करने वालों और निष्ठावान लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। किसी सांसद विशेष के लिए शुभेंदु अधिकारी जैसे लोकप्रिय नेताओं को किनारे लगाया जा सकता है। उन्हें तृणमूल से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए। उन्हें भाजपा जैसी लोकतांत्रिक पार्टी में काम करने की स्वतंत्रता होगी।
इससे पहले भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने अधिकारी के जनता से गहरे जुड़ाव की कई मौकों पर सराहना की है। खान की टिप्पणी का जवाब देते हुए तृणमूल के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा कि भाजपा पार्टी में फूट डालने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, शुभेंदु तृणमूल की पूंजी हैं। भाजपा को भली भांति पता है कि वह खुद कुछ नहीं कर सकती इसलिए वह पार्टी में फूट डालने का प्रयास कर रही हैं। वह इसी में माहिर हैं।’ सूत्रों के अनुसार नंदीग्राम से विधायक अधिकारी पिछले कुछ महीनों से पार्टी से असंतुष्ट हैं और तृणमूल के बैनर के बिना जनसभाएं आयोजित कर रहे हैं। हाल ही में वह राज्य मंत्रिमंडल की बैठकों में भी शामिल नहीं हुए थे।
अधिकारी के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि वह नंदीग्राम में 10 नवंबर को एक रैली करेंगे जहां वह अपने अगले कदम की घोषणा कर सकते हैं। सहयोगी ने कहा, च्च्दादा (शुभेंदु) 10 नवंबर को नंदीग्राम में एक बैठक करेंगे। हम उनके संदेश का इंतजार कर रहे हैं। 2011 में पार्टी को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाने के बावजूद उन्हें तृणमूल में वह स्थान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे।’
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अधिकारी के साथ सामंजस्य बिठाने के प्रयास किये जा रहे हैं। वरिष्ठ नेता ने कहा, हमारी पूरी कोशिश होगी कि वह पार्टी में रहें। बाकी उन पर निर्भर करता है।’