नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के देश विरोधी बयान को लेकर उन पर करारा प्रहार किया। साथ ही देश को बदनाम करने और राष्ट्र के खिलाफ काम करने के लिए राहुल गांधी और फारूक अब्दुल्ला को आड़े हाथों लेते हुए उनके काले कारनामों को एक-एक करके उजागर किया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का बयान देशविरोधी है। राहुल गांधी और फारूख अब्दुल्ला में ज्यादा फर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि एक ओर फारूख अब्दुल्ला अपने इंटरव्यू में चीन की विस्तारवादी मानसिकता को न्यायोचित ठहराते हैं तो वहीं दूसरी ओर एक देशद्रोही वक्तव्य देते हैं कि भविष्य में हमें अगर मौका मिला तो हम चीन के साथ मिलकर अनुच्छेद 370 वापस लाएंगे। उनका मानना है कि आज अगर चीन आक्रामक हुआ है तो इसका एक ही कारण है कि अनुच्छेद 370 को हिंदुस्तान ने हटाया। फारूक अब्दुल्ला का यह बयान न केवल चिंतनीय है बल्कि दुखद है।
ऐसी मानसिकता वाले लोगों को हिंदुस्तान कभी माफ़ नहीं करेगा। ऐसा नहीं है कि केवल फारूक अब्दुल्ला ऐसा कहते हैं। यदि आप इतिहास में जाएंगे और राहुल गांधी के हाल फिलहाल के बयानों को सुनेंगे कि ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भाजपा नेता ने कहा कि फारुक अब्दुल्ला लगातार देश विरोधी बयान देते आ रहे हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 को लागू किया जाएगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ये वही राहुल गांधी हैं जिन्होंने एक हफ्ते पहले कहा था कि प्रधानमंत्री कायर है, प्रधानमंत्री छुपा हुआ है, डरा हुआ है। असल में पाकिस्तान और चीन को लेकर जिस प्रकार की नरमी और भारत को लेकर जिस प्रकार की बेशर्मी इनके मन में है, ये बातें अपने आप में बहुत सारे सवाल खड़े करती है। दूसरे देशों की तारीफ और अपने देश, प्रधानमंत्री और आर्मी के लिए इस प्रकार के वचन कहां तक सही है, यह सब आप समझते हैं। देश की संप्रभुता पर सवाल उठाना, देश की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना क्या एक सांसद को शोभा देता है?
डॉ पात्रा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि फारूक अब्दुल्ला ने इस तरह का देशद्रोही बयान दिया है। 24 सितंबर को फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर आप जम्मू कश्मीर में जाकर लोगों से पूछेंगे कि क्या वह भारतीय हैं, तो लोग कहेंगे कि नहीं हम भारतीय नहीं है। उसी स्टेटमेंट में ही उन्होंने ये भी कहा था कि अच्छा होगा अगर हम चीन के साथ मिल जाएं।
देश की संप्रभुता पर प्रश्न उठाना, देश की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह लगाना क्या एक सांसद को शोभा देता है? क्या ये देश विरोधी बातें नहीं हैं? इन्हीं फारूख अब्दुल्ला ने भारत के लिए कहा था कि पीओके क्या तुम्हारे बाप का है, जो तुम पीओके ले लोगे, क्या पाकिस्तान ने चूडिय़ां पहनी हैं।
पाकिस्तान और चीन को लेकर जिस प्रकार की नरमी और भारत को लेकर जिस प्रकार की बेशर्मी इनके मन में है, ये बातें अपने आप में बहुत सारे प्रश्न खड़े करती हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाकर राहुल गांधी पाकिस्तान में हीरो बने थे, फिर देश की बुराई और चीन की बड़ाई कर वे चीन में हीरो बने और आज फारूक अब्दुल्ला चीन में हीरो बन रहे हैं।
यदि इन दोनों को चीन इतना ही रास आ रहा है तो इन्हें वहीं चले जाना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने भारत के खिलाफ काम करने वाले तुर्की में दफ्तर खोला और अब ‘जीजाजी वहां स्केटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की मीडिया रिपोर्टें भी हैं कि कांग्रेस पार्टी ने चीन से उनका फेवर करने के लिए वहां की कम्युनिस्ट पार्टी से समझौता भी किया था।