नई दिल्ली/झारखंड ब्यूरो/उमेश सिन्हा। सीसीएल और सीएमपीएफओ विभाग द्वारा मृत महिला के नाम पर लाखों रुपए का किये गये भुगतान का मामला प्रकाश में आया है। यह मामला सीसीएल रजरप्पा प्रोजेक्ट से जुडा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार मो. जमासुदीन अंसारी,पीआईएस नंबर 11126000, सीएमपीएफ नंबर आर/41-467 सीसीएल रजरप्पा प्रोजेक्ट में Triman के पद पर कार्यरत थे, जिनकी मृत्यु दिनांक 13.02.2016 को हुई थी। जिनका निकाह/विवाह भुचुंगडीह गाँव निवासी मो. फारुख मियाँ की पुत्री साइरा खातून के साथ हुई थी। जिनके सेवा पुस्तिका/संचिका सहित सभी अभिलेखों में साइरा खातून का नाम दर्ज है।
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साइरा खातून की मृत्यु मो. जमासुदीन अंसारी के मृत्यु के करीब 20-25 वर्ष पूर्व हो चुकी थी।जिसके बाद मो. अंसारी का निकाह/विवाह जूलेखा खातून के साथ हुई थी।जिनका नाम ग्राम पंचायत सेवई उतरी के भाग संख्या-7 का मतदाता सूची के क्रम संख्या 176 में जूलेखा खातून पति मो. जमासुदीन अंसारी व वर्ष 2019 के 23, रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 191 के क्रम संख्या 748 में जूलेखा खातून पति मो. जमासुदीन अंसारी के रूप में दर्ज है। जूलेखा खातून का नाम मो. जमासुदीन अंसारी के सेवा पुस्तिका व अन्य किसी भी अभिलेखों में दर्ज नही था।
इसके बावजूद जूलेखा खातून के द्वारा मो. अंसारी के मृत्यु परांत सीसीएल व सीएमपीएफ से मिलने मिलने वाली सभी प्रकार की राशि का दावा मृतक साइरा खातून के नाम करके प्राप्त कर लिया गया।हर माह पेंशन भी लेते आ रही है।अपने पुत्र तस्लीम अंसारी को सीसीएल में अनुकम्पा आधारित नौकरी दिला चुकी है।जो वर्तमान में सीसीएल रजरप्पा परियोजना में कार्यरत है। इसके लिए जूलेखा खातून ने मृतक के नाम पर बने आधार कार्ड संख्या 711562718304 भी अपने नाम पर बनवाया और बैंक में खाता भी मृतक साइरा खातून के नाम खुलवाया। जिसमें हर माह पेंशन की राशि का भुगतान सीएमपीएफ विभाग द्वारा किया जाते आ रहा है।
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यह धोखाधड़ी का खेल सीसीएल रजरप्पा प्रोजेक्ट के कार्मिक विभाग व सीएमपीएफओ विभाग के अधिकारी व कर्मचारी के बिना संभव नही है। जो सीसीएल व सीएमपीएफओ विभाग में बडे पैमाने पर चल रहे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। ऐसा भी नहीं है कि इस मामले की जानकारी सीसीएल के सर्तकता विभाग को नहीं है। किंतु जांच की धीमी गति से इस धोखाधड़ी में शामिल सभी दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को संरक्षण मिल रहा है