नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि एक्सपर्ट ने यह चेतावनी दी है कि सेकेंडरी इंफेक्शन जैसे- ‘म्यूकोर्मिकोसिस’ (Mucormycosis) या ‘ब्लैक फंगस’ (Black Fungus) देश की मृत्यु दर में बढ़ोतरी का कारण बन रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण के हालात अब स्थिर होते दिख रहे हैं।
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शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Love Agarwal) ने स्वास्थ्य मंत्रालय की ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारत की कोरोना (Corona) पॉजिटिविटी रेट पिछले हफ्ते 21.9 % से घटकर 19.8 % हो गई। पॉजिटिव मामलों में गिरावट से ये संकेत मिलते हैं कि कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की रफ्तार अब धीमी हो रही है, एक्सपर्ट्स ने सावधानी बरतने की अपील की।
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अस्पतालों में संक्रमण के नियंत्रण के लिए सही प्रयास करने की आवश्यकता है क्योंकि कोविड (Covid) से जुड़े म्यूकोर्मिकोसिस जैसे सेकेंडरी संक्रमणों में वृद्धि हुई है। डॉ गुलेरिया (Dr Guleria) ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली के एम्स में कम से कम 23 मरीज ‘ब्लैक फंगस’ से संक्रमित हैं, जिनमें से 20 Covid-19 पॉजिटिव भी हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल (Dr VK Paul) ने कहा कि इस दुर्लभ फंगल इंफेक्शन के प्रसार को कंट्रोल करने के लिए यह जरूरी है कि लोग अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करें और स्वच्छता बनाए रखें। जबकि डॉक्टरों को सावधानी के साथ स्टेरॉयड प्रिसक्राइब करना चाहिए।
डॉ वीके पॉल ने कहा, ‘कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के 400 से 500 मामलों सामने आ रहे हैं। हम अभी इस संक्रमण के बारे में ज्यादा नहीं जानते। यह एक उभरती हुई समस्या है, इसके लिए ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने डेटा कलेक्ट करना शुरू कर दिया है। हमने राज्यों से इस पर नजर रखने को भी कहा है।’
ब्लैक फंगस कोविड संक्रमण से रिकवर हो चुके मरीजों की न सिर्फ आंखों की रोशनी छीन रहा है, बल्कि यह फंगस त्वचा, नाक और दांतों के साथ ही जबड़े को भी नुकसान पहुंचाता है. नाक के रास्ते यह फेफड़ों और मस्तिष्क में पहुंचकर मरीज की जान ले लेता है. यह इतनी गंभीर बीमारी है कि मरीज को सीधे आईसीयू में भर्ती करना पड़ता है. लिहाजा समय रहते लक्षणों का पता लगाना बेहद जरूरी है।
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‘ब्लैक फंगस’ एक ऐसा गंभीर रोग है जो कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों में ये बीमारी अब तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इसे म्यूकरमाइकोसिस भी कहा जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इससे बचने की सलाह दी है। हर्षवर्धन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में बताया कि जागरूकता और शुरुआती लक्षणों की पहच कर इसके खतरे से बचा जा सकता है।
#Mucormycosis, commonly known as '#BlackFungus' has been observed in a number of #COVID19 patients recently.
Awareness & early diagnosis can help curb the spread of the fungal infection. Here's how to detect & manage it #IndiaFightsCorona @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/lC6iSNOxGF
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 14, 2021