नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयुक्त (Central Information Commissioner) उदय माहूरकर ने कहा कि, हिंदू तत्व की राजनीति विचारधारा के प्रणेता माने जाने वाले विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) का युग भारत में पहले ही आ चुका है। उनकी शख्सियत भारत रत्न (bharat ratna) से ऊपर है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बोले-‘बीजेपी को जिन्ना से प्यार, हम गन्ना-गन्ना कर रहे
देश में सावरकर युग का आगमन
इंदौर साहित्य महोत्सव में शामिल होने आए माहूरकर ने पीटीआई-भाषा से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि, मैं मानता हूं कि सावरकर (की शख्सियत) भारत रत्न (bharat ratna) से ऊपर है। अगर उन्हें यह सम्मान मिलता है, तो अच्छी बात है। लेकिन अगर उन्हें यह सम्मान नहीं भी मिलता है, तो भी इससे उनके कद पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि देश में सावरकर युग का आगमन पहले ही हो चुका है।
देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजे जाने की मांग
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि राज्य की सत्ता में आने पर वह भारत रत्न के लिए सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar)(Vinayak Damodar Savarkar) के नाम की सिफारिश पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार से करेगी। इसके अलावा, अलग-अलग दक्षिणपंथी संगठन भी सावरकर को देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजे जाने की मांग पिछले कई साल से कर रहे हैं।
देश में सावरकर युग के आगमन का प्रतीक
‘वीर सावरकर : द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’ पुस्तक के लेखक ने कहा कि, पहले हम सोच तक नहीं पाते थे कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 कभी हट भी सकता है। लेकिन इस अनुच्छेद को हटा दिया गया। यह कदम देश में सावरकर युग के आगमन का प्रतीक है।
सावरकर देश की एकता और अखंडता के प्रतीक
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सावरकर द्वारा अंग्रेजों से कथित तौर पर माफी मांगे जाने संबंधी विवाद पर केंद्रीय सूचना आयुक्त ने कहा कि, भारतीय राजनीति में मुस्लिम तुष्टीकरण की भूख जितनी बढ़ेगी, सावरकर को बदनाम करने की उतनी ही आवश्यकता महसूस की जाएगी, क्योंकि वह देश की एकता और अखंडता के सबसे बड़े प्रतीक हैं।
सोशल मीडिया अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।