नई दिल्ली: केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) के कपाट ‘भैया दूज’ के मौके पर मंत्रोच्चारण के बीच शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस दौरान केदारनाथ मंदिर परिसर में काफी संख्या में भक्तगण (Devotee) भी मौजूद रहे। ‘भैया दूज’ (Bhai Dooj) के पावन पर्व पर शनिवार को परंपरानुसार ‘भगवान आशुतोष’ के ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 8.00 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने बाबा के दर्शन किये।
America: South China Sea में पहाड़ से टकरा दी परमाणु पनडुब्बी, नौसेना ने किया बर्खास्त
सुबह के ‘चार बजे’ से ही मंदिर में विशेष ‘पूजा-अर्चना’ आरम्भ हो गई थी। पुजारी ‘बागेश लिंग’ ने आराध्य का श्रृंगार कर आरती उतारी। इस अवसर पर स्वयंभू लिंग को समाधि रूप देकर फूल व भस्म से ढका दिया गया हैं। भगवान को भोग लगाने के लिए मूर्तियों को चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान कर भक्तों के दर्शनों के लिए कुछ देर मंदिर परिसर में रखा गया हैं। इसके बाद विधि-विधान व धार्मिक परम्पराओं के तहत सुबह ‘आठ बजे’ केदारनाथ मंदिर के कपाट ‘शीतकाल’ के लिए शुभ लग्न पर बंद कर दिए गए हैं।
UP: नई हवा है जो BJP है वही सपा है – Congress
इस अवसर पर ‘बाबा केदार’ की डोली ने मंदिर की 3 परिक्रमा कर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए गए। भक्तों के जयकारों के बीच डोली पैदल मार्ग से 17 किमी का सफर तय कर दोपहर को पहले पड़ाव रामपुर पहुँच सकती हैं।
UP में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे Akhilesh Yadav
8 नवंबर को डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में छह माह की शीतकालीन पूजा के लिए विराजमान हो जाएगी। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अपर कार्यधिकारी बीड़ी सिंह, यात्रा प्रभारी वाईएस पुष्पवाण, तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, देवानंद गैरोला, डॉक्टर विनीत पोस्ती आदि मौजूद थे।वहीं इस साल ‘कोरोना संक्रमण’ के कारण केदारनाथ का कपाट खुलने के कई माह बाद चारधाम यात्रा आरम्भ हुई। किन्तु, फिर भी भक्तों में गजब का उत्साह दिखाई दिया और इसमें भी सबसे ज्यादा उत्साह केदारनाथ धाम के लिए देखा गया।
सोशल मीडिया अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।