नई दिल्ली। 25 दिसंबर Christmas Day को पूरी दुनिया पूरे हर्ष और उल्लास से मना रही है। ईसाई समुदाय के मान्यताओं के अनुसार आज भगवान के पुत्र प्रभु यीशु (Jesus Christ) ने धरती पर जन्म लिया था। उन्होंने लोगों के पाप को खत्म करने और मानव जाती को सही मार्ग दिखाने के लिए ही सामान्य मनुष्य के रूप में जन्म लिया था।
इस दिन को खास बनाने के लिए सभी लोग अपने- अपने हिसाब से तैयारियां करते हैं। क्रिसमस डे के दिन सैंटा क्लॉज का बच्चे बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। दरअसल सैंटा क्लॉज क्रिसमस के दिन बच्चों के लिए कई सारे गिफ्ट लेकर आता है। सैंटा क्लॉज को एक देवदूत की तरह माना जाता है।
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धूमधाम से प्रभु यीशु का जन्मदिन
बाइबिल (Holy Bible) के अनुसार प्रभु यीशु (Jesus Christ) को अपना नाम एक फरिश्ते (Christmas Day) से मिला था। एक फरिश्ता यीशु को लेकर धरती पर मदर मैरी के पास आया। उस फरिश्ते को देख कर मदर मैरी डर गई। तब उस देवदूत ने कहा कि आप इस धरती पर एक बच्चे को जन्म देंगी, जिसका नाम जीसस होगा। उसका राज इस धरती से कभी खत्म नहीं होगा।
ईसाई समुदाय 25 दिसंबर को बहुत धूमधाम से प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाते है। लेकिन, आपको बता दें कि जीसस के जन्मदिन को लेकर कई ईसाई विद्वानों में मतभेद है। कई लोगों का यह मानना है कि जीसस का जन्म ठंड नहीं पतझड़ के मौसम में हुआ था।
यीशु के चमत्कारों के बारे में बाइबल में लिखा
वहीं, मैथ्यू के अनुसार जीसस (Jesus Christ) के कई भाई बहन थे। उनका नाम था जेम्स, जोसेफ, सायमन और जुडास था। ईसाई मान्यता के अनुसार जीसस पहले बढ़ई का काम करते थे। यीशु के चमत्कारों के बारे में बाइबल में लिखा है। लेकिन, उनका पहला चमत्कार (Christmas Day) यह था कि उन्होंने एक शादी समारोह में पानी को शराब में बदल दिया था। मैथ्यू के अनुसार प्रभु यीशु आरामाइक, हिब्रू और ग्रीक आदि की भाषा बोला करते थे।
क्रिसमस के दिन रात में अपने घर के बाहर जुराबे क्यों सुखाते हैं बच्चे?
क्रिसमस (Christmas Day) के दिन कुछ देशों में ईसाई परिवारों के बच्चे रात के समय अपने-अपने घरों के बाहर अपनी जुराबें सुखाते हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि सांता क्लॉज रात के समय आकर उनकी जुराबों में उनके मनपसंद उपहार देगा।