नई दिल्ली। कोरोना महामारी के शुरूआती दौर में तबलीगी जमात को लेकर वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनलों ने काफी न्यूज चलाए थे। अब इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण (CJI NV Raman) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, ‘वेब पोर्टल पर किसी का नियंत्रण नहीं हैं, कुछ भी चल जाता है। इस तरह की रिपोर्ट्स से देश का नाम खराब हो सकता है।
हालांकि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के सवाल के जवाब में ASG ने कहा कि वेब पोर्टल के लिए केंद्र सरकार ने नियम बनाए हैं जिनको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और मामला फिलहाल लंबित है। उन्होंने कहा मुझे 2 सप्ताह का समय दें, हमें एक दस्तावेज दाखिल करने की आवश्यकता है। इस पर CJI ने कड़े रूख अपनाते हुए कहा कि आप इससे पहले ही 4 बार दस्तावेज़ दाखिल करने के लिए स्थगन ले चुके हैं। जबाव में एसजी ने कहा, ‘हां, लेकिन एक मामले में दस्तावेजों को अभी भी दाखिल करने की आवश्यकता है।
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बता दें कि शीर्ष अदालत ने वेब पोर्टल, यू ट्यूब चैनल और सोशल मीडिया में चलने वाली फर्जी खबरों पर चिंता जताई है। चीफ जस्टिस ने कहा- सोशल मीडिया पर कोई नियंत्रण नहीं है,वेब पोर्टल, यू ट्यूब चैनल वह बिना किसी जिम्मेदारी के आम लोगों, अलग-अलग संस्थाओं को बदनाम करने वाली खबरें चलाते हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा सोशल मीडिया कंपनियां सिर्फ ताकतवर लोगों की ही सुनती हैं जजों, संस्थानों या आम लोगों की नहीं।
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अदालत ने सरकार से पूछा सवाल
सु्प्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा कि क्या सोशल मीडिया से निपटने के लिए कोई तंत्र है? जबाव में सरकार ने कहा कि आपके पास इलेक्ट्रानिक मीडिया (Electronic media) और अखबारों के लिए तो व्यवस्था है, लेकिन वेब पोर्टल और सोशल मीडिया के लिए कोई ऐेसा कानून नहीं इसलिए इनके लिए कुछ करना होगा।