नई दिल्ली। देश में कोरोना (COVID-19) की दूसरी लहर का रफ्तार भले ही कम हो गया है। लेकिन केरल में पिछले कुछ दिनों से कोविड संक्रमण मामले में तेजी से इजाफा हुआ है, वो कही न कही तीसरी लहर की चेतावनी है। बता दें कि भारत (India) में शनिवार को कोरोना के 46,759 नए मामले दर्ज किए हैं, जो दो महीनों में सबसे अधिक है। कहा जा रहा है कि केरल में ओणम के त्योहार के बाद कोरोना मामले में तेजी से वृधि हुई है। स्वास्थ मंत्रालय के आकड़ों के मुताबिक आज केरल में 32,801 मामले दर्ज किए गए, जो देशभर में आए नए मामलों का 70 प्रतिशत के आसपास है।
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केरल में पिछले तीन दिन के आकड़े
केरल में कोरोना का ग्राफ हर दिन बढ़ रहे हैं। शनिवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 32,801, गुरुवार को 30,007 नए मामले, जबकि बुधवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 31,445 मरीज मिले। केरल में इस समय पूरे देश में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है। केरल में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे ओणम उत्सव को माना जा रहा है। हालांकि अब देखने वाली बात ये है कि सरकार केरल में कोरोना संक्रमण मामले को किस प्रकार से नियंत्रण में करती है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे एक और कारण बताया है. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि कोरोना के दौरान घर पर रह रहे लोग क्वारंटाइन नियमों को पालन बिल्कुल भी नहीं कर रहे हैं. यही कारण है कि हाल में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि राज्य में 35 फीसदी लोग घर से ही इस बीमारी की चपेट में आए हैं।
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केरल में पिछले 24 घंटे के आकड़े
केरल में शुक्रवार को कोविड-19 के 32,801 नए मामले आए है। जिससे अब प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 39.45 लाख हो गई। जबकि पिछले 24 घंटे में 179 मरीजों की मौत हुई है जिससे मृतकों की तादाद 20,313 पर पहुंच गई। बता दें कि केरल में बीते 24 घंटे के दौरान 1,70,703 नमूनों की कोविड-19 जांच होने के साथ संक्रमण की दर बढ़कर 19.22 प्रतिशत हो गई है।
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केरल में क्यों बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
केरल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले पर स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि जब लोगों को घर पर रहने के परिवार के सदस्यों से अलग करने की उम्मीद की जाती है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। क्वारंटाइन नियमों का पालन बिल्कुल भी नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि हाल में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि राज्य में 35 फीसदी लोग घर से ही इस बीमारी की चपेट में आए हैं।