नई दिल्ली। कोरोना के हर रोज बढ़ते केस और रिकवरी रेट पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जनसंख्या के लिहाज से भारत की स्थिति अभी बिगड़ी नहीं है, क्योंकि सबसे अहम मोर्टेलटी रेट है, जो दूसरे देशों की तुलना में काफी कम है। हालांकि महानगरों और बड़े शहरों के बाद दूसरे राज्यों में कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। ऐसे में एक बार फिर पीक पर बात हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले समय में यूपी, बिहार, झारखंड में लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AMIIS) नई दिल्ली के डॉ. पीयूष रंजन ने बताया कि पीक का क्राइटेरिया अलग-अलग देश में अलग है।
भारत में अलग-अलग राज्य में पीक का समय भी अलग है। जैसे दिल्ली में पीक एक तरह से निकल गया है, नये केस कम हो रहे हैं। दक्षिण के कई राज्यों में भी पीक आकर चला गया है। केरल में सबसे पहले केस आये थे वहां भी कंट्रोल हो गया है. लेकिन देश के कई अन्य राज्यों में अभी पीक नहीं आया है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड पीक की ओर बढ़ रहे हैं। जिन राज्यों में बीमारी पूरी तरह नियंत्रित है उन राज्य के लोगों से बाकियों को सबक लेना चाहिए। सभी को एहतियात बरतनी है, ताकि पीक आने या संक्रमण बढ़ने पर आप भी सुरक्षित रहें।
कोरोना के प्रति लोगों में आ रही जागरूकता
इस दौरान अभी की कोरोना स्थिति को पर उन्होंने कहा कि हमारे देश की जनसंख्या दूसरे देशों से ज्यादा है, इसलिये अपनी कोशिश के अनुसार दूसरे दशों की तुलना में हम बहुत अच्छा कर रहे हैं। मृत्यु दर का आंकड़ा देखें तो दूसरे देशों में यह 5 से 10 प्रतिशत है, जबकि हमारे यहां 1.89 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर पर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जितना वायरस के बारे में डॉक्टर और हेल्थ डिपार्टमेंट जान रहा है, उसे देखते हुए कहीं न कहीं लोगों में भी जागरूकता आई है।
लोग समझ रहे हैं कि संक्रमण होने पर कैसे रिएक्ट करें। किस स्तर पर परेशानी होने पर अस्पताल जाना है, यह लोग जानने लगे हैं और अस्पताल के चक्कर नहीं काट रहे हैं। जहां तक बात है संक्रमण होने पर डरने और सामने न आने की तो ऐसे लोग से अपील है कि बिल्कुल भी परेशान न हों। अगर आपके सामने कोई व्यक्ति आये जिसमें कोरोना के लक्षण हैं तो उसे हौसला दें और जांच कराने को कहें. समाज परिवार उनके साथ है और वो ठीक हो जायेंगे।