नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में चीजें सही होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ तो कोरोना है दूसरी तरफ ये किसानों का अपना आंदोलन, जो कि खत्म नहीं हो रहा है। खबर आ रही है कि किसानों ने डासना में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को किसानों ने किया जाम, लोगों को हुई दिक्कतें आ रही है जिसके चलते इसको खुलवाने का काम जारी है।
खबर सामने आ रही है कि पलवल के जो किसान कृषि कानूनों के खिलाफ हैं उनका कहना है कि वह किसान संयुक्त मोर्चा की केएमपी बंद करने अपील के साथ नहीं हैं। क्योंकि यह फसल की कटाई का मौसम है ऐसे में हमने किसानों ने उनके खेतों में काम करने को कहा है। आंदोलनकारी किसानों ने आज सुबह आठ बजे से 24 घंटे के लिए कुंडली मानेसर पलवल और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल हाइवे बंद रखने की चेतावनी के तहत किसानों का चक्काजाम शुरू हो गया है।
Haryana: Farmers protesting in Palwal against Farm Laws say they'll not support Samyukt Kisan Morcha's call to block Kundali-Manesar-Palwal highway today. A block committee member says, "We supported all calls of Morcha so far but it's peak harvest season. We told people to work" pic.twitter.com/yEaVVMwejY
— ANI (@ANI) April 10, 2021
आपको बता दे कि संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को हुई बैठक में 13 अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर खालसा पंथ स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान जलियावाला बाग हत्याकांड की बरसी पर शहीदों के सम्मान में भी कार्यक्रम होंगे। किसानों ने 14 अप्रैल को संविधान बचाओ दिवस और किसान बहुजन एकता दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। इस दौरान सयुंक्त किसान मोर्चे की सभी स्टेज का संचालन बहुजन समाज के आंदोलनकारी चलाएंगे और वक्ता भी बहुजन होंगे।
इसी कड़ी में गाजियाबाद के एसपी ने जानकारी देते हुआ कहा है कि,- किसानों ने केएमपी जाम कर दिया है। हम लोग जल्दी ही इसे खाली कराने के लिए बात कर रहे हैं ताकि लोगों को असुविधा न हो। लोग अपने वैकल्पिक रूट पर जा रहे हैं। जो भी उपयुक्त स्थान है वहां से डायवर्जन किया जा रहा है। लोग वहां से अपने गंतव्य की तरफ जा रहे हैं।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चे के डॉ. दर्शन पाल ने कहा है कि, किसान आंदोलन में स्थानीय लोगों की भागीदारी और समर्पण को देखते हुए 18 अप्रैल को सभी मोर्चे पर सम्मान समारोह आयोजित किए जाएंगे। इस दिन मंच संचालन की भी जिम्मेवारी स्थानीय लोगों की होगी। 20 अप्रैल को धन्ना भगत की जयंती पर उनके गांव धोआ कलां से दिल्ली की सीमाओं पर मिट्टी पहुंचेगी और उनकी याद में टीकरी बॉर्डर पर कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा 24 अप्रैल को आंदोलन के 150 दिन पूरा होने पर एक हफ्ते के लिए विशेष कार्यक्रम होंगे।