नई दिल्ली। ऐसे कुछ कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं दिया गया जो कि अवकाश पर थे। कुछ ऐसे कर्मचारी है जो कि किसी वजह से कम काम कर रहे थे। तो इनका वेतऐसे कुछ कर्मचारियों का वेतन का भुगतान नहीं दिया गया जो कि अवकाश पर थे। कुछ ऐसे कर्मचारी है जो कि किसी वजह से कम काम कर रहे थे। तो इनका वेतन काटा जा रहा है जो कि गलत है। इसी के चलते कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है कि कुछ भी करों परंतु कर्मचारियों का वेतन जरुर दो।
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दरअसल बात ऐसी है और इसकी शुरुवात तब हुई जब याची के अधिवक्ता रंजीत शर्मा ने अदालत को बताया कि न्यायिक आदेशों के बावजूद सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के खिलाफ अवमानना शुरू करने की मांग की। इसके बाद अदालात ने कड़ी करवाई करने का फैसला लिया है।
बता दे कि कड़े शब्दों में ये निर्देश जारी किया गया है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और जसमीत सिंह की पीठ ने कहा है कि,- आप भीख मांगे, उधार ले या चोरी करे लेकिन आपको कर्मचारियों की राशि का भुगतान करना ही होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि अगली तारीख तक 5 अप्रैल के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो उत्तरी एमसीडी आयुक्त संजय गोयल सुनवाई में मौजूद रहेंगे।
वहीं अदालत ने दिल्ली की तीनों एमसीडी को 5 अप्रैल को या उससे पहले सभी पूर्व कर्मचारियों और सभी श्रेणियों के सेवारत कर्मचारियों की पेंशन और वेतन के सभी बकाया राशि को जारी करने निर्देश दिया था। और साथ में अदालत ने स्पष्ट किया था कि तीनों एमसीडी आयुक्त राशि का भगतान समय पर हो यह सुनिश्चित करे।
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दूसरी तरफ वेतन की राशि को लेकर अदालत ने न्यूज पेपरों में प्रकाशित कस्तूरबा गांधी अस्पताल के डाक्टरों की धमकी पर भी संज्ञान लिया था कि यदि पिछले वर्ष मार्च माह से रूके पूरे वेतन का भुगतान न हुआ तो वे त्यागपत्र दे देगें।