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Monday, September 9, 2024

Delhi: वाहन और कूड़े का धुआं ‘दिल्ली की हवा’ को कर रहा है प्रदूषित

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में हवा बहुत ही प्रदूषित हो रही है, इसके पीछे कई सारे कारण है। परंतु जो मुख्य कारण है वो है दिल्ली में वाहन की संख्या और कूड़े का धुआं जो कि दिल्ली की हवा को खराब कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 84.1 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर मापा गया है। और साथ ही दिल्ली की भूगौलिक स्थिति भी इसके सबसे अधिक प्रदूषित होने के लिए जिम्मेदार है।

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सूत्रो से मानें तो, प्रदूषित राजधानियों की सूची में दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर बांग्लादेश की राजधानी ढका (77.1), अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (46.5) व कतर की राजधानी दोहा (44.3) से भी अधिक रहा है। हालांकि, राहत भरी बात यह है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष दिल्ली के प्रदूषण में 15 फीसदी की कमी आई है।

इस समस्या के चलते जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अपर निदेशक डॉ. सुशील कुमार त्यागी से बात हुई तो उनका कहना था कि- पीएम 2.5 का उत्सर्जन तेल व डीजल के जलने से भी होता है। तेल व कोयला जलने से हवा में सल्फर डायोक्साइड(एसओ2) उत्पन्न होता है। इसका प्रमुख कारण यह भी है कि दिल्ली में निजी वाहनों की संख्या अधिक होना व इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या कम होना। आगे उन्होनें कहा कि- वहीं, जीवाशम ईंधन जैसे गौसोलीन जलने से नाट्रोजन डायोक्साइड(एनओ2) उत्पन्न होता है। दूसरी ओर, पत्ते, कचरा, प्लास्टिक व पराली जलाने से भी पीएम 2.5 उत्पन्न होता है। इसके अलावा सड़कों पर उड़ने वाली धूल भी इसके कारकों में शामिल हैं।

अगर दूसरी तरह से देखा जाए तो भोगौलिक करण भी है जिसकी वजह से दिल्ली की हवा प्रदूषित हो रही है। सीपीसीबी के पूर्व अपर निदेशक डॉ. दीपांकर साहा ने कहा कि प्रदूषित शहरों की सूची में स्थान पाने वाले 22 शहर इंडो-गैगनेटिक प्लेन क्षेत्र में आते हैं। दिल्ली भी इसी क्षेत्र का हिस्सा है। इस क्षेत्र में आने वाले शहरों में धूल भरी हवाएं अधिक रहती है।

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इस मामले को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि, दिल्ली सरकार के प्रयास की वजह से राजधानी में 15 फीसदी प्रदूषण में कमी आई है। वर्ल्ड एयर क्वालिटी की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में 15 फीसदी प्रदूषण कम हुआ है, जबकि पहले दिल्ली दूसरे या तीसरे स्थान पर होती थी। दिल्ली सरकार के बार-बार अनुग्रह करने के बाद भी एनसीआर में चल रहे प्रदूषण पैदा करने वाले पावर प्लांट को बंद नहीं किया गया है। केंद्र को बंद हो चुके वायु गुणवत्ता आयोग को दोबारा सक्रिय करना चाहिए।

Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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