नईदिल्ली। कोरोना के चलते कई सारी चीजों पर रोक लगाई गई है। वहीं अब हाल ही में इस वक्त की हालातों को देखते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने का निर्णय किया है। इसके पीछे सरकार की मानना है कि पहले कोरोना ने निपटना जरुरी है।
इसी बीच आपको बता दे कि मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में जल्द सुनवाई के लिए इस पीठ से संपर्क करने को कहा है। और सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर रोक की मांग को लेकर आन्या मल्होत्रा और सोहेल हाशमी ने सर्वोच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय के 4 मई के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की थी।
उच्च न्यायालय ने उक्त आदेश में इस मामले की सुनवाई 17 मई तय की थी। याची ने महामारी के बीच 20 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना पर सवाल उठाते हुए तर्क रखा है कि इस राशि को वर्तमान में लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने पर खर्च किया जा सकता है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने न्यायालय में कहा था कि सेंट्रल विस्टा परियोजना का निर्माण आवश्यक गतिविधि नहीं है, ऐसे में कोरोना महामारी के मद्देनजर इसके निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।
इस रोक को लेकर लूथरा से जब बातचीत हुई तो उसने कोर्ट को बताया है कि,- यह मामला अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि देश एक अभूतपूर्व मानवीय संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह राजपथ, सेंट्रल विस्टा विस्तार और उद्यान में चल रहे निर्माण कार्य को जारी रखने की प्रदान की गई अनुमति की चुनौती से चिंतित हैं।
और मजदूरों को सराय काले खां और करोल बाग क्षेत्र से राजपथ और सेंट्रल विस्टा के निर्माण स्थल तक ले जाया जा रहा है। इससे मजदूरों में संक्रमण फैलने की आशंका है। उन्होंने मामले की जल्द सुनवाई करने और निर्माण कार्य कर रोक लगाने की मांग की।