नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा के अशोभनीय आचरण की तुलना 26 जनवरी को लाल किले में हुई हुड़दंग की घटना से करते हुए कहा कि सदन में आसन की ओर फाइल फेंका जाना एक शर्मनाक घटना थी।
केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा एवं राज्यसभा में कामकाज को बाधित करने के लिए कांग्रेस एवं विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए जिन लोगों को संसद भेजा था, वे नियम विरूद्ध व्यवहार कर रहे हैं।
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राज्यसभा में मंगलवार को जब कृषि के मुद्दे पर चर्चा शुरू होने वाली थी तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच बाजवा को सदन के भीतर अधिकारियों की मेज पर चढ़कर एक सरकारी फाइल को आसन की ओर फेंकते हुए देखा गया। ठाकुर ने कहा, मेज पर चढ़कर फाइल फेंकना एक शर्मनाक घटना थी।
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सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने कहा, इस तरह के कृत्य को अंजाम देकर यदि कोई गौरव महसूस करे तो मुझे लगता है कि 26 जनवरी की शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। बाजवा ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें राज्यसभा में हंगामा करने पर कोई पश्चाताप नहीं है तथा कृषि कानूनों के विरूद्ध आवाज उठाने के लिए वह किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस सांसद ने मीडिया से कहा, मुझे कोई खेद नहीं है। यदि सरकार तीन काले कृषि कानूनों पर चर्चा का अवसर नहीं देगी तो मैं इसे 100 बार फिर से करूंगा।