नई दिल्ली। दीपावली (Diwali Special) हिंदुओ का मनभावक, खास त्यौहार है। प्रकाश और रोशनी का उत्सव। अमावस्या, अंधकारमें दीया जला कर विश्वास जतलाना कि जीवन में सुख-दुःख, आशा-निराशा के बावजूद प्रकाश का हमेशा विश्वास रखना कितनी ही विकट स्थिति हो उसमें शुभ-लाभ का आशावाद रखना। दीपावली का प्रकाश पर्व मनुष्य को अन्धकार से प्रकाश की और ले जाने, उसके विश्वास का त्योहार है। दीपावाली के लिए लक्ष्मीजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। उस दिन लक्ष्मी पूजा की परंपरा है। माँ लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश पूजन, कुबेर पूजा और बही-खाता पूजन भी किया जाता है। उपासक अपनी मन-मान्यता, सामर्थ्य के अनुसार व्रत भी रख सकता है। निर्जल रहकर या फलाहार व्रत भी कर सकते है।
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दीपावली 2021- शुभ मुहूर्त-
दिन- 04 नवंंबर 2021, गुरुवार
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 18 बजकर 10 मिनट से 20 बजकर 06 मिनट तक
प्रदोष काल- 17:34 से 20:10 तक
वृषभ काल- 18:10 से 20:06 तक
अमावस्या तिथि आरंभ- सुबह 06 बजकर 03 मिनट (04 नवंबर 2021) से
अमावस्या तिथि समाप्त- रात्रि 02 बजकर 44 मिनट (05 नवंबर 2021) तक
मान्यता है दिवाली की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। और घर-घर जाकर देखती हैं कि किसका घर साफ और विधि-विधान से पूजा लिए हुए है। वे वहीं पर अपनी कृपा बरसाती हैं। दीपावली पर लोग सुख-समृ्द्धि और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए लक्ष्मीजी की विशेष पूजा करते हैं। उसल दिन को स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहा जाता है। इस दिन किए गए उपाय, दान व पूजा आदि से शुभ फल मिलते है।
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इस दिवाली, शुभ संयोग-
ज्योतिष के अनुसार इस साल दीपावली पर एक शुभ संयोग हैं। तुला राशि में चार ग्रह एक साथ उपस्थित होंगे। इस दिन सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा ये चारों ग्रह तुला राशि में होंगे। ग्रहों की यह स्थिति शुभफल वाली बताई जा रही है। तुला राशि के स्वमी शुक्र हैं। लक्ष्मी जी की पूजा से शुक्र ग्रह और अधिक शुभ फल देते हैं। शुक्र ग्रह धन-वैभव, भौतिक सुख सुविधाओं का कारक ग्रह है। ऐसे में ग्रहों के राजा सुर्य, बुध ग्रहों के राजकुमार, मंगल ग्रहों के सेनापति और चंद्रमा मन के कारक हैं।
लक्ष्मी पूजा सामग्री-
माँ को वस्त्र में लाल, पीले रंग का रेशमी वस्त्र प्रिय है। पूजा में दीपक, कलश, कमल पुष्प, जावित्री, मोदक, श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार के फल, गुलाब, चन्दन इत्र, चावल, केसर की मिठाई, शिरा आदि का प्रयोग जरूर करना चाहिए। दीप जलाने के लिए गाय घी, मूंगफली या तिल के तेल के प्रयोग से लक्ष्मी माँ के लिए दीया जलाएं।
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