नई दिल्ली। कई तरह की बिमारियों इंसान को परेशान करती है, और इस बीच कई तरह की नई नई सेहत संबंधित बिमारियां भी है जो हर दूसरे इंसान की सेहत पर प्रभाव डालती है। ऐसे में पिछले दो दशकों में तमाम तरह के कैंसर के मामलों में इजाफा देखा गया है। इसमें भी स्तन कैंसर के केस सबसे तेजी से बढ़े हैं। अमेरिकी महिलाओं में यह सबसे आम कैंसर बन गया है, आंकड़ों से पता चलता है कि हर 8 में से 1 महिला इस कैंसर का शिकार हो जाती है।
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तो ऐसे में स्तन कैंसर, अन्य प्रकार के ही कैंसर की तरह जानलेवा माना जाता है, इससे बचाव बहुत आवश्यक होता है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, योग के माध्यम से इस कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। योग उन हार्मोन के स्तर को भी कम करने में सहायक होते हैं, जिनके चलते स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
इसी बीच अध्ययनों का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के निदान के बाद शारीरिक गतिविधि और योग के माध्यम से इसकी जटिलताओं और गंभीरता को कम किया जा सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे ऐसे योगासनों के बारें में जो आप इससे बाहर निकालने में मदद करेंगे।
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1. कैट काउ पोज- ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए कैट काउ पोज का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है। यह पीठ के निचले हिस्से को मजबूती देने के साथ कूल्हे के दर्द को कम करने और रीढ़ की गतिशीलता के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी में द्रव परिसंचरण को बढ़ाता है। इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले अपनी कलाइयों और घुटनों की मदद से चौपाया जानवरों जैसी मुद्र बना लें। अब गहरी श्वास लें और छोड़ें। इसके बाद सांस लेते हुए छत की ओर देखें और सांस छोड़ें। इस योग को रोजाना 5-10 मिनट तक करें।
2. मत्स्यासन पोज- मत्स्यासन योग को हार्ट ओपनर योग भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह आपकी छाती, पसलियों, फेफड़े और पीठ के ऊपरी हिस्से को खोलती है। यह स्तनों और पेक्स में लिंफेटिक ड्रेनेज को उत्तेजित करके ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक इस योग के नियमित अभ्यास से इम्यूनिटी को भी बढ़ाया जा सकता है, जो कैंसर को जोखिम को कम करती है
3. प्राणायाम- गहरी सांस लेने वाले योग आपके डायाफ्राम का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद करते हैं। डायाफ्राम को मजबूत करके ऑक्सीजन के संचार को बढ़ाया जा सकता है। स्तन कैंसर के उपचार के दौरान और बाद में भी इसका अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है। गहरी सांस लेने से मन को शांत करने में मदद मिलती है। महिलाओं को इसका नियमित अभ्यास जरूर करना चाहिए।
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