नई दिल्ली। बड़ी खबर मुंबई से आ रही है, जहां मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का शुक्रवार को निधन हो गया। भाटिया के परिवार एक व्यक्ति ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। भाटिया 94 साल के थे। उन्होंने श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ और ‘भूमिका’ तथा धारावाहिक ‘यात्रा’ और ‘भारत एक खोज’ का संगीत दिया। वह नेपियन सी रोड पर रूंगटा हाउसिंग कॉलोनी में अपने अपार्टमेंट में अकेले रहते थे।
and we lost another Legend
– VANRAJ BHATIA
Rest in Music SIR 🙏🙏🙏🙏🙏@varungrover @swanandkirkire @somenmishra0 @Shankar_Live @rekha_bhardwaj @mehtahansal @VishalBhardwaj @EhsaanNoorani pic.twitter.com/JuNLOH3ykZ
— Pavan Jha (@p1j) May 7, 2021
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मुंबई के एलिफिन्सटन कॉलेज से स्नातक करने के बाद भाटिया ने लंदन और पेरिस में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया। वतन वापसी के बाद भाटिया विज्ञापन जगत से जुड़ गए और 6,000 विज्ञापन जिंगल के लिए काम किया। समानांतर सिनेमा में भाटिया ने काफी नाम कमाया। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ पश्चिमी शैली का मिश्रण कर अनूठा संगीत दिया।
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आपको बता दें, लगातार खराब स्वास्थ्य रहने के चलते बाहरी दुनिया से उनका संपर्क पूरी तरह से टूट गया था. वहीं कई लोग बताते हैं कि उनके पास पैसे भी नहीं थे। भाटिया ने अपर्णा सेन की ‘36 चौरंगी लेन’ और कुंदन शाह की ‘जाने भी दो यारो’ का भी संगीत दिया। गोविंद निहलानी के धारावाहिक ‘तमस’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत का राष्ट्रीय पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी सम्मान भी मिला। भाटिया को 2012 में भारत का चौथा शीर्ष असैन्य सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया।