नई दिल्ली: आज संसद (Parliament) के ‘शीतकालीन सत्र’ (Winter Session) का पहला दिन था और पहले ही दिन तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर संसद ने मुहर लगा दी हैं। विपक्ष (Opposition) के हंगामे के दौरान विवादास्पद तीनों कृषि कानून की वापसी का विधेयक संसद के दोनों सदनों, लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) से पारित हो चूका हैं। विपक्ष तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी वाले विधेयक पर चर्चा कराने पर अड़ गया था। किन्तु, सरकार इस पर राजी नहीं हुई और आनन-फानन में यह विधेयक दोनों सदनों से पारित करा दिया गया हैं। अब यह विधेयक ‘राष्ट्रपति’ के पास भेजा जाएगा और इसी के साथ तीनों विवादित कृषि कानून ख़त्म हो जाएंगे।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लगाया आरोप
कांग्रेस नेता ‘राहुल गांधी’ ने आरोप लगाया कि – बिना चर्चा के सदन में विधेयक पारित हुआ हैं। यह तीनों कृषि कानून किसानों के अधिकारों पर अतिक्रमण था। राहुल गाँधी ने कहा कि – ये किसानों की जीत है, किन्तु जिस प्रकार से बिना चर्चा के ये सब हुआ, वो दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है। विपक्ष इस पर चर्चा चाहता था, किन्तु सरकार बहस से डरती है।
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मीडिया रिपोर्ट में बताया गया हैं कि – सत्र के आरम्भ से पहले जब बिजनेस एडवाजरी कमिटी की बैठक हुई थी. तब विपक्षी दलों ने एकमत से सरकार से यह मांग की थी कि – तीन कृषि कानून वापसी वाले विधेयक पर चर्चा कराना आवश्यक है। क्योंकि पीएम मोदी के कहने के बाद भी किसानों ने आंदोलन वापस नहीं लिया है और उनके कई मुद्दे जस के तस हैं। सरकार को इस पर चर्चा करानी चाहिए थी। विपक्ष इस पर चर्चा कराने को एकमत था, किन्तु सरकार ने किसी की नहीं सुनी। सरकार ने यह विधेयक जैसे पारित कराया था, उसी तरह वापस भी ले लिया।
लोकसभा में कृषि कानून वापसी विधेयक को चार मिनट के अंदर पारित कर दिया गया हैं। इसे दोपहर 12:06 बजे पेश करा गया और विपक्ष की मांगों को अनसुना करते हुए 12:10 बजे पारित करा लिया गया हैं। लोकसभा में विपक्षी नेताओं ने विधेयक पर चर्चा नहीं कराने पर आपत्ति जताई हैं। राज्यसभा में इसे संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया गया हैं। सदन में विपक्ष के नेता ‘मल्लिकार्जुन खड़गे’ अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए थे। विपक्ष ने दावा किया कि – सरकार किसानों की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे से बचने के लिए चर्चा कराने से डरती रही, जो किसान आंदोलन के समय उनकी प्रमुख मांग रही है।
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