नई दिल्ली। किसान आंदोलन एक ऐसी पहेली बन गई है जिसे केंद्र सरकार के लिए सुलझाना एक चुनौती बनकर रह गई है। प्रदर्शनकारी किसान पिछले एक महीने से दिल्ली के विभिन्न बार्डरों पर जमे हुए है। किसानों का सीधा मांग है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून निरस्त करें। वहीं किसान और सरकार के बीच कई बार बैठके हुई लेकिन सारे बैठक बेनतीजा रहा। आखिर सरकार किसानों को किस प्रकार मनाती अब यह देखना दिलचस्प हो गया है।
"Today, it has been a month since the farmers have been protesting. The Govt should repeal the three laws. As soon as that happens, we'll return to our homes," says a farmer from Punjab, at the designated protest site in Delhi's Burari
Visuals from Burari ground & Tikri border pic.twitter.com/G41gGMbXMc
— ANI (@ANI) December 26, 2020
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों मे अब गाज़ीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर सिंघु बॉर्डर की तरह दूसरा टेंट सिटी तैयार किया गया। किसान हजारो की संख्या में डटे हुए है। वहीं अगर टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) की बात करें तो वहां पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यही बैठे रहेंगे..चाहें 1 साल या उससे अधिक समय लग जाएं।”
सिंघु बॉर्डर से एक प्रदर्शनकारी ने कहा मोदी सरकार से विनती है कि ये 3 काले कानूनों को रद्द करें। जो लोग हमें आतंकवादी कह रहे हैं हम आतंकवादी नहीं हैं। जब हम हिंदुओं के लिए लड़ते हैं तब हम फरिश्ते और जब हम अपने लिए लड़ रहें तो हमें आतंकवादी बोल दिया जाता है, हम आतंकवादी नहीं किसान हैं।
हरियाणा सीएम खट्टर की अपील
हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपील है कि मंच पर आकर सरकार से बात करें। इन बिलों में उन्हें जो ऐतराज़ है, उसपर बात करें। सरकार मानने के लिए तैयार है, सरकार ने कई प्रावधानों को बदलने के लिए कहा भी है।
सचिन पायलट का सरकार पर हमला
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा किसान को किसानी करनी है या मजदूरी करनी है, ये निर्णय केंद्र सरकार को करना होगा। इस मुद्दे पर हम एकजुट हैं, जब तक हम में ताकत है, हम विरोध करते रहेंगे। केंद्र सरकार ने किसानों को जो धोखा दिया है, उसका खामियाज़ा सरकार को उठाना पड़ेगा।