नई दिल्ली: 26 जून को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को विरोध-प्रदर्शन करते हुए पूरे 7 महीने हो गए हैं। इस मौके पर किसान आज देशभर में राजभवनों के बाहर प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं। इसके अलावा किसान संगठन ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी में हैं। किसानों की ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
’26’ को एक बार फिर किसान करेंगे ट्रैक्टर रैली, बॉर्डर पर चल रही तैयारियां
राकेश टिकैत बोले,’नहीं जाएंगे वापस’
आंदोलन में बड़ा चेहरा बनकर उभरे राकेश टिकैत ने साफ तौर पर कहा है कि सरकार सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अपने ट्रैक्टरों के साथ तैयार हो जाओ क्योंकि हमारी जमीनों को बचाने के लिए संघर्ष तेज करना होगा। केंद्र सरकार को यह सोचना बंद कर देना चाहिए कि किसान वापस जाएंगे। मांगें पूरी होने पर ही किसान वापस जाएंगे। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को निरस्त किया जाए और एमएसपी पर कानून बनाया जाए।’
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‘किसानों के अस्तित्व के खिलाफ कृषि कानून’
वहीं, बीकेयू के अध्यक्ष और एसकेएम की नौ सदस्यीय शीर्ष समिति के सदस्य जोगिंदर सिंह उगराहन ने कहा, ‘भाजपा अभी भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेते नहीं थक रही है। तमाम हथकंडे नाकाम होने के बाद अब यह मानहानि का सहारा ले रही है। हम इसका भी सामना करेंगे लेकिन हटेंगे नहीं। ये कानून किसानों की अर्थव्यवस्था, सामाजिक जीवन, आत्मा और अस्तित्व के खिलाफ हैं।’
किसानों पर लगे कई आरोप
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए विरोध को देखते हुए, उन्हें अचानक खालिस्तानी, शहरी नक्सली और देशद्रोही कहा गया। किसान इससे बाहर निकलने में कामयाब रहे हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन जारी रखा, लेकिन उसके बाद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है।