नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच दिल्ली के बॉर्डर (Border) खोलने को लेकर सरकार की मनमर्जी पर किसानों के रुख में तल्खी नजर आने लगी है। November 2020 से शुरू हुए Farmers Protest का एक वर्ष पूरा होने पर किसान अपना आंदोलन तेज करने की तैयारी में हैं। Rakesh Tikait ने कहा है कि – सरकार ने मांगें नहीं मानीं, तो किसान इस बार Tractors के साथ दिल्ली को चारों तरफ से घेरेंगे।
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किसान नेता ‘Rakesh Tikait’ ने ट्वीट में किया कि – केंद्र सरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है। उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों पर सवाल होकर दिल्ली के चारों ओर बॉर्डरों पर जारी आंदोलन स्थल की तरफ चलना आरम्भ कर देंगे। इस बार पक्की किलेबंदी की जाएगी और आंदोलन स्थल पर तंबुओं को भी मजबूत किया जाएगा।
पिछले दिनों सरकार और किसानों के बीच 3 दिन तक बातचीत हुई थी। और इसके बाद ही सड़क की बैरिकेडिंग हटाकर 5 फीट चौड़ा रास्ता दिया गया है। दोनों तरफ से ढाई-ढाई फीट की दो लाइनें खोली गई है। इनसे सिर्फ पैदल और बाइक सवार ही निकल सकते हैं। और एंबुलेंस को भी निकाले जाने की बात किसानों ने मानी है। सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक इस रास्ते पर आना-जाना किया जा सकता हैं।
किसानों को रोकने के लिए लगाए गए थे बैरिकेड
सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है। दिल्ली की सीमा से सटे सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान धरना दे रहे हैं। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने 11 महीने पहले बॉर्डर पर रोका था। तब से किसान यहीं डेरा जमाए बैठे हैं। शुरू में दोनों बॉर्डर पर सिर्फ बैरिकेड ही लगाए गए थे। 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में लाल किले पर हुई हिंसा के बाद टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर कंक्रीट के भारी-भरकम ब्लॉक लगा दिए गए थे।
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