नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आज चौथा दिन भी आंदोलित जारी है। ‘दिल्ली चलो’ मार्च के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने वाले हजारों किसान एक और सर्द रात सड़क पर बिताने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर अब भी जमे हुए हैं। वहीं किसान नेता मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव पर आगे की रणनीति पर मंथन कर रहे हैं।
#UPDATE: A meeting of farmers underway at Singhu border (Delhi-Haryana) as they continue their protest against the farm laws. https://t.co/C4Ps6AR56Y
— ANI (@ANI) November 29, 2020
किसानों के आंदोलन की वजह से कई सड़क और दिल्ली आने वाले रास्ते बंद हैं जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, 3 दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसी ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है।
शाह ने कहा किसानों के प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए तीन दिसंबर को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ किसान संगठनों ने तत्काल वार्ता करने की मांग की है और केंद्र बुराड़ी के मैदान में किसानों के स्थानांतरित होते ही वार्ता को तैयार है।
इससे पहले पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दे दी है, लेकिन पुलिस ने किसानों को बिना ट्रैक्टर के गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी है। हालांकि, किसान इसपर राजी नहीं हुए है वे अब आगे की योजना के लिए बैठक कर रहे हैं। बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर करीब 300 से 400 किसान डटे हुए हैं।
सिंघू बॉर्डर पर मौजूद बृज सिंह नामक किसान ने कहा, भविष्य की रणनीति तय करने के लिए आज अहम बैठक होने वाली है। तब तक हम यहीं जमे रहेंगे बैठक के नतीजों के हिसाब से फैसला करेंगे। मांगें माने जाने तक हम प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी शाह के प्रस्ताव पर कहा कि किसानों से जितनी जल्दी बातचीत होगी, उतना ही वह कृषि समुदाय और दिश के हित में होगा