नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों के समर्थेन में उतरे कांग्रेस नेता राहुल गाधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि, ‘PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है, सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती. मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे. ये तो बस शुरुआत है!’
PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है।
सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती।
मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे।
ये तो बस शुरुआत है!#IamWithFarmers
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 27, 2020
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिएआंसू गैस के गोले दागे, जबकि टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा कर्मियों ने किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में आने से रोकने के लिए उन पर पानी की बौछारें की। वहीं टीकरी बॉर्डर पर किसानों की पुलिस से झड़प हो गई और उन्होंने अवरोधक के तौर पर लगाए ट्रक को जंजीरों (चैन) के जरिए ट्रैक्टर से बांध वहां से हटाने की कोशिश की। हलांकि प्रदर्शनकारी किसानों को अब राजधानी दिल्ली आने की इजाजत दे दी गई है। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा, प्रदर्शनकारियों को बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में विरोध करने की अनुमति है, दिल्ली पुलिस के जवान उनके साथ रहेंगे
Delhi: Farmers enter the national capital through the Tikri border after being given permission to hold their demonstrations at the Nirankari Samagam Ground in the Burari area#DelhiChalo pic.twitter.com/Oy4JcVj6lV
— ANI (@ANI) November 27, 2020
इससे पहले पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, हम किसानों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम उन्हें यह भी बता रहे हैं कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर किसी प्रकार की रैली करने या धरना देने की अनुमति नहीं है। अगर उन्होंने फिर भी दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने आप सरकार से शहर के नौ स्टेडियम को अस्थायी जेल बानाने की अनुमति भी मांगी। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने हालांकि पुलिस को स्टेडियम का इस्तेमाल अस्थायी जेलों के तौर पर करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
प्रदर्शन के कारण शहर के कई इलाकों में यातायात प्रभावित
राष्ट्रीय राजधानी सीमाओं से लगे कई स्थानों पर यातायात का मार्ग बदल दिया गया है। दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर वाहनों की तलाशी भी बढ़ा दी गई है, जिससे वहां जाम लग गया है। दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर सीआईएसएफ के कर्मियों को भी तैनात किया गया है।
दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर लोगों से रिंग रोड, मुकरबा चौक, जीटीके रोड, एनएच- 44 और सिंघु बॉर्डर की बजाय दूसरे रास्तों से गुजरने की अपील की। उसने कहा, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की रैली /मार्च/प्रदर्शन के मद्देनजर यातायात पुलिस मुकरबा चौक और जीटीके मार्ग से यातायात को परिवर्तित कर रही है।
तीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू, शंभु, पटियाला-पिहोवा, पातरां-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे। सभी सीमाओं पर तनाव कायम है। दिल्ली चलो मार्च के लिए किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं।
हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी है। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।