नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद वहां के हालात लगातार बदल रहे हैं। इसी घटनाक्रम पर चर्चा के लिए मोदी सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई, जो दिल्ली में हुई। इस दौरान सरकार ने कहा कि वहां से भारतीय कर्मियों को बाहर निकालना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है जहां स्थिति ‘गंभीर’ है।
संसदीय सौंध में आयोजित इस बैठक में जयशंकर के अलावा राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। बैठक में हिस्सा लेने वाले कुछ लोगों के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान से यथासंभव अधिक लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने जोर दे कर कहा कि भारतीय कर्मियों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सरकार ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान की स्थिति को ‘गंभीर’ बताया और कहा कि तालिबान ने दोहा समझौते में किये गए वादे को तोड़ा है। उल्लेखनीय है कि तालिबान नेताओं और अमेरिका के बीच फरवरी 2020 में हुए दोहा समझौते में धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र को रेखांकित किया गया था। इसमें काबुल में एक ऐसी सरकार की बात कही गई थी जिसमें अफगानिस्तान के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो।
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800 से ज्यादा लोगों को लाया जा चुका है भारत
गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत सरकार लगातार वहां के हालात पर नजर बनाए हुए है। भारत सरकार दुर्गा शक्ति मिशन के तहत अफगान से लोगों को निकालने पर लगातार काम कर रहा है। बता दें कि भारत तीन उड़ानों के जरिए अफगानिस्तान से अबतक 800 से ज्यादा लोगों को ला चुका है।