नई दिल्ली: Maharashtra के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को ED ने मनीलॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। पहले अनिल देशमुख से ED ने 12 घंटे की पूछताछ की थी। पूछताछ में प्रवर्तन निदेशालय को पूर्व मंत्री देशमुख की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिला था। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया हैं। पूर्व मंत्री को अब कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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इससे पहले अनिल देशमुख अपने वकील के साथ सुबह करीब 12 बजे दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित एजेंसी के ऑफिस में आए थे। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 71 वर्षीय नेता के बयान दर्ज कर रही है। वसूली के आरोपों के कारण अनिल देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था।
प्रवर्तन निदेशालय ने 5 बार जारी किया था समन
प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पांच बार समन जारी किये जाने के बावजूद ‘अनिल देशमुख’ पेश नहीं हुए थे। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से पिछले सप्ताह इन समनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। एनसीपी के नेता ने कहा कि उन्होंने बिना किसी डर या पक्षपात के केवल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
अनिल देशमुख की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि मैं इस तरह के निष्पक्ष अधिकारियों के सामने पेश होने और मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों के झूठ को उजागर करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे उम्मीद है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी निष्पक्ष तरीके से कार्य करेंगे और जांच में मेरे सहयोग के बारे में शंकाओं को भी दूर करेंगे। कुछ निहित स्वार्थों द्वारा एक गलत कहानी, एक गलत धारणा बनाई जा रही है, कि मैं प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने से बच रहा हूं। निस्संदेह, इस तरह का प्रचार बिल्कुल निराधार है।
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