नई दिल्ली। देश में एक तरफ कोरोना चल रहा है तो दूसरी तरफ कोरोना के नाम पर धोखाधड़ी चल रही है, ये हम कितनी बार सुन चुके है। वहीं पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड और दवा के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इन सब दिक्कतों को दूर करने के लिए हजारों लोग सोशल मीडिया के जरिए लोगों की मदद कर रहे हैं।
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परंतु इसी बीच सोशल मीडिया पर ठगों का गैंग भी सक्रिय हो गया है जो मदद के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे हैं। ये साइबर ठग गूगल और सोशल मीडिया पर नामी अस्पताल के नाम पर हेल्पलाइन नंबर डाल रहे हैं और फिर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं। गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट ने इस संबंध में ट्विटर पर लोगों को अलर्ट करते हुए दिशानिर्देश जारी किया है।
जानिए क्या है ये दिशानिर्देश-
- वर्तमान समय में कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते रेमडेसिवीर इंजेक्शन अस्पतालों में बेड की व्यवस्था तथा आक्सीजन सिलिंडरों के नाम पर सोशल साइटस/एप के माध्यम से फ्रॉड हो रहे है, जो निम्न तरीकों से किए जा रहे हैं।
- गूगल पर अस्पतालों/मेडिकल आदि का फर्जी नंबर डालकर तथा फोन पर वहां का कर्मचारी बनकर एडवांस पेमेन्ट लेकर ठगी की जा रही है।
3. मरीजों के परिजनों की डिटेल, जो उनके द्वारा मदद मांगने के लिए पोस्ट की जा रही है, का दुरूपयोग करके उन्हें कॉल करके सोशल मीडिया पर एडवांस पेमेन्ट लेकर ठगी की जा रही है।
4. ठगी करने वाले फर्जी वेबसाइट, ई-कॉमर्स प्लेटफार्म, सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल बनाते हैं जो मेडिकल उत्पादों को बेचने और देने का दावा करते हैं और पीड़ितों को बैंक हस्तानांतरण/UPI के माध्यम से भुगतान करने के लिए कहा जाता है।
5. ई-मेल, महामारी से सम्बन्धित लिंक, स्वास्थ्य अधिकारी होने का दावा करने वाले अपराधियों के द्वारा भेजे जाते हैं जिसका उद्देश्य पीड़ितों को एक विशिष्ट/फर्जी वेबपेज पर ले जाकर उनके वास्तविक ईमेल पते और पासवर्ड के साथ लॉगिन कराना होता है। ठग तब संवेदनशील जानकारी और सम्भावित रूप से आपके पैसे चोरी करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारीयों की साख का उपयोग करते हैं।
इन धोखाधड़ी से बचाव के उपाय-
1. संदिग्ध ई-मेल खोलने से बचें और सोशल मैसेजिंग एप्स ईमेल आदि पर प्रसारित असत्यापित कोरोना वायरस से सम्बन्धित लिंक पर क्लिक न करें।
2. गूगल/सोशल वेबसाइट से किसी अस्पताल/मेडिकल अथवा अन्य का नंबर लेते समय विशेष सावधानी बरतें। आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही कस्टमर केयर नंबर या ई-मेल आई.डी प्राप्त कर प्रयोग करें।
3. असत्यापित वेबसाइट से प्राप्त किए गये कस्टमर केयर/पर्सनल नंबर का प्रयोग करने से बचें। इससे धोखाधड़ी भी हो सकती है।
4. बिना भौतिक सत्यापन के किसी भी वस्तु का एडवांस ऑनलाइन माध्यम से जमा करने से बचें।
5. पैसे दान करने से पहले चैरिटी फंड की साख की जांच जरूर करें और आधिकारिक स्रोत पर ही जाकर दान करें।