नई दिल्ली। आंगनवाडी के जरिए समन्वित पौष्टिक आहार देने के लिए एक पायलट योजना पर सहमति बन गई है। 3 से 6 साल तक के बच्चों में पौष्टिक आहार की कमी दूर करने के साथ गर्भवती महिला एवं किशोरियों के लिए राज्य सरकार ने आंगनवाडी में खाने के साथ मछली ( चूना माछ) देने का निर्णय लिया है।
आंगनवाडी के खाद्य सूची में चूना माछ को शामिल किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मयूरभंज जिले के 50 आंगनवाडी केन्द्र में इसे आजमाया जाएगा।
यह प्रयोग सफल होने पर इसे पर्यायक्रम से अन्य जिलों में प्रसारित किया जाएगा। राज्य सरकरा के महिला व बाल विकाश मंत्रालय एवं वार्ल्ड फिस के बीच इसे लेकर एक करार हुआ है।
विकाश कमिश्नर सुरेश चन्द्र महापात्र की अध्यक्षता में आयोजित एक वर्चुअल मिटिंग में पायलट प्रोजेक्ट का निर्णय लिया गया। महिला व बाल विकाश मंत्रालय एवं वार्ल्ड फिस के बीच हुए करार के अनुसार आगामी 5 साल के लिए वर्ल्ड इसके लिए तकनीकि ज्ञान कौशल मुहैया कराएगी। मिशन शक्ति के अंतर्गत पंचायत तालाबों में मछली उत्पादन पर बल दिया जाएगा।