नई दिल्ली। सरकार जल्द ही अगले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी। शीर्ष पद के लिए दौड़ में सबसे आगे सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे (MM Naravane) हैं। जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की बुधवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद यह पद खाली हो गया है। सरकार यह कदम तब उठा रही है, जब कई सेवानिवृत्त सैन्य कमांडरों का कहना है कि जनरल नरवणे को इस पद पर नियुक्त करना विवेकपूर्ण कदम होगा, क्योंकि वह पांच महीने के अंदर सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
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सेना, नौसेना और वायु सेना के वरिष्ठ कमांडरों की एक समिति
इस मामले से अवगत लोगों का कहना है कि सरकार सेना, नौसेना और वायु सेना के वरिष्ठ कमांडरों की एक समिति बनाएगी। तीनों सेनाओं से अगले दो-तीन दिनों के अंदर मिलने वाली अनुशंसा के आधार पर समिति को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसे मंजूरी के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भेजा जाएगा।
भारत के अगले सीडीएस के नाम पर अंतिम निर्णय
रक्षा मंत्री से मंजूरी मिलने के बाद नामों पर विचार के लिए उन्हें कैबिनेट की नियुक्ति समिति के पास भेजा जाएगा। जो भारत के अगले सीडीएस के नाम पर अंतिम निर्णय लेगी। यह जानकारी मामले से अवगत लोगों ने दी।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए तय
उन्होंने बताया कि चीफ ऑफ इन्टीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ से लेकर चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के अध्यक्ष सीडीएस पद के लिए संभावित उम्मीदवारों की समिति तय करने की प्रक्रिया में समन्वय करेंगे। उन्होंने प्रक्रिया के बारे में बताया कि सरकार सीडीएस की नियुक्ति के लिए उसी प्रोटोकॉल का पालन करेगी जो तीनों सेनाओं के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए तय है।
जनरल नरवणे की नियुक्ति की संभावना
सीडीएस चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी (सीओएससी) के अध्यक्ष होते हैं, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल होते हैं। समझा जाता है कि जनरल नरवणे के प्रदर्शन एवं पूर्वी लद्दाख गतिरोध को जिस तरीके से उन्होंने संभाला, उसे देखते हुए शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति की संभावना ज्यादा है। जनरल नरवणे तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं और अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
देश की सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने क्रमश: 30 सितंबर और 30 नवंबर को पदभार ग्रहण किया है। जनरल रावत ने पिछले वर्ष एक जनवरी को भारत के पहले सीडीएस का पदभार संभाला था ताकि सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना के कार्यों में समन्वय लाया जा सके और देश की सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी की जा सके।
जनरल रावत का कार्यकाल मार्च 2023 तक
1999 में कारगिल युद्ध के समय देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों की जांच के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति ने सीडीएस की नियुक्ति की अनुशंसा की थी। जनरल रावत ने पिछले दो वर्षों में तीनों सेनाओं में सुधार के लिए व्यापक कार्य किए थे। जनरल रावत का कार्यकाल मार्च 2023 तक था। सीडीएस की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष है जबकि सेना प्रमुखों का कार्यकाल 62 वर्ष या तीन वर्षों के लिए होता है। सीडीएस रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के विभाग का सचिव तथा रक्षा मंत्री का प्रधान सलाहकार होता है।
जनरल नरवणे को अगला प्रमुख रक्षा अध्यक्ष
एक पूर्व सैन्य कमांडर ने कहा, इस बात की ज्यादा संभावना है कि जनरल नरवणे को अगला प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बनाया जाए और यह बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय होगा। अगर जनरल नरवणे (General MM Naravane) सीडीएस नियुक्त किए जाते हैं तो साथ ही सेना प्रमुख की नियुक्ति पर भी गौर करना होगा।
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