नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के रामगढ़ताल थाना पुलिस की पिटाई से मरने वाले कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता (Manish Gupta Murder) का शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया। मनीष की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रूह कंपा देने वाली सच्चाई सामने आई है। मनीष के शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के विशेष पैनल द्वारा किया गया था। मामला चूंकि पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत का था, लिहाजा कई घंटे चली पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई।
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गोरखपुर में रामगढ़ताल थाना में पुलिस की हिरासत में पिटाई से हुई कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता का शव गुरूवार को आखिरकार अंतिम संस्कार कर दिया गया। 53 घंटे बाद मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी दर्द बयां करने की आश्वासन के बाद मृतक की पत्नी व परिवारिजनों ने यह निर्णय लिया और सुरक्षा के बीच भैरव घाट में अंतिम क्रिया सम्पन्न कराई गई। मृतक के आवास पर भारी पुलिस बल तैनात है। मनीष गुप्ता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बताती है कि उनकी एक आंखे के ऊपर भी गंभीर चोट मारी गई है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के गोरखपुर कांड के पीड़ित परिजनों से मिलने कानपुर पहुंचे और प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला। मृतक कारोबारी मनीष गुप्ता के परिवार से मिलने आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहुंचे हैं। इससे पहले आज सुबह से ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मनीष गुप्ता के घर के बाहर मौजूद हैं। सपा कार्यकर्ताओं द्वारा यहां नारेबाजी की गई तो मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने उन लोगों से इस मामले का राजनीतिकरण न करने की अपील की थी। इस मामले में अखिलेश यादव आज मनीष गुप्ता के परिवारवालों और उनकी पत्नी से मिले. अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये मदद देने का ऐलान किया है।
"हम लोगों को रिपोर्ट लेने से मना कर दिया, इसलिए हम लोगों को बहुत देर लगी , हम लोगों ने कहा डेड बॉडी का सम्मान करो, पुलिस आ जाए लेकिन सारे पुलिस वाले एक तरफ थे।"
मनीष गुप्ता जी के परिजनों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से बयां की अपनी आप बीती। pic.twitter.com/EnG4HTK2x3
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 30, 2021
सपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए कहा, गोरखपुर में पुलिस की बर्बरता ने मनीष गुप्ता की जान ली है। ये बहुत ही दुखद और निंदनीय है। आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एनकाउंटर (मुठभेड़) की जिस हिंसक संस्कृति को जन्म दिया है, यह उसी का दुष्परिणाम है। घटना में संलिप्त लोगों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए और उत्तर प्रदेश को हिंसा में धकेलने वाले इस्तीफा दें।
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उनकी पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमारा सहयोग किया है। हमारी FIR दर्ज़ नहीं हो रही थी उन्होंने हमारा केस दर्ज़ कराया है।” अब आजीविका मुझे ही चलानी होगी इसलिए मैं अपनी सरकारी नौकरी के लिए अनुरोध कर रही हूं। मैं मामले को यहां(कानपुर) ट्रांसफर कराना चाहती हूं।
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