नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। चीफ डिफेंस स्टाफ विपीन रावत (Bipin Rawat) के MI-17 हेलिकॉप्टर के क्रैश होने के बाद से हर शख्स ये जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिर ये हादसा हुआ कैसे। फिलहाल देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों का निधन हो गया है। ऐसे में हम आपको बताते हैं सबसे पहले हादसे की डिटेल्स।
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कहां और कैसे हुई दुर्घटना?
सीडीएस बिपिन रावत बुधवार दोपहर दिल्ली से वेलिंगटन डिफेंस कॉलेज के लिए निकले थे। पहले वो कोयंबटूर के सुलूर एयरफोर्स बेस पहुंचे और उन्होंने इंडियन एयरफोर्स के एम्ब्रेयर एयरक्राफ्ट से ये सफर पूरा किया। इसके बाद वो सुलूर से कुन्नूर के वेलिंगटन के लिए रवाना हुए। लेकिन जनरल रावत का हेलीकॉप्टर MI-17V5 बुधवार दोपहर जैसे ही तमिलनाडु के वेलिंगटन बेस पर लैंड करने वाला था, तभी मौत ने दस्तक दे दी। सुलूर से वेलिंगटन का फ्लाइट डिस्टेंस 56 किलोमीटर था और आमतौर पर इसे पूरा करने के लिए करीब 34 मिनट का वक्त लगता है। जनरल रावत के हेलिकॉप्टर ने 32 मिनट की उड़ान पूरी भी कर ली थी। सबकुछ तय वक्त पर था। लैंडिंग के लिए सिर्फ 90 सेकेंड का वक्त बचा था। वो अपनी डेस्टिनेशन से सिर्फ दस किलोमीटर की दूरी पर थे, उसी वक्त अनहोनी हो गई।
कुन्नूर के जंगलों में जनरल रावत का MI 17 V5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। यानी अगर 90 सेकेंड और निकल जाते, तो सीडीएस रावत बच जाते और वो आज हमारे बीच होते लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। इस हेलीकॉप्टर में जनरल रावत के साथ उनकी पत्नी मधूलिका रावत समेत 14 लोग सवार थे। हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद उसमें आग लग गई, हेलिकॉप्टर कई हिस्सों में टूट गया। शुरुआत में खबर आई कि सीडीएस रावत को सीवियर बर्न इंजरी हुई, उन्हें रिवाइव करने की कोशिश की गई, लेकिन बदकिस्मती से उन्हें बचाया नहीं जा सका। इसी बीच डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह को भी सेना के अफसरों ने हादसे पर ब्रीफ किया। इंडियन एयरफोर्स ने इस हादसे के लिए इंक्वारी ऑर्डर कर दी है। ये एक ऐसी खबर है, जिसके बारे में किसी ने कल्पना नहीं की थी।
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हेलिकॉप्टर में कौन-कौन सवार थे ?
वायुसेना के एमआई-17वी-5 हेलिकॉप्टर में हादसे के वक्त कुल 14 लोग सवार थे। इनमें CDS जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एनके गुरसेवक सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, एनके जितेंद्र कुमार, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, जेडब्ल्यूओ दास, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, एल/नायक विवेक कुमार, एल/नायक बी साई तेजा, ग्रुप कैप्टन वरुन सिंह. और हवलदार सतपाल शामिल थे। इस भयानक हादसे में केवल ग्रुप कैप्टन वरुन सिंह ही जीवित बचे हैं, फिलहाल उनका इलाज किया जा रहा है।
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थिएटर कमांड्स जनरल रावत की देन
गौरतलब है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत की मौत ये ऐसी खबर है, जिससे उबरने में वक्त तो लगेगा। सीडीएस बिपिन रावत वो शख्सियत थे, जो हमारे देश की सेना को, हमारे देश के जवानों को, आज के सिक्योरिटी चैलेंजस के लिए तैयार कर रहे थे। जनरल रावत बार बार कहते थे कि इस बार कनवेंशनल वॉर नहीं होगी। दुश्मन आमने सामने की जंग नहीं लड़ेगा, बल्कि भविष्य में साइकलोजिकल वॉरफेयर,. साइबर वॉरफेयर के लिए तैयार रहना होगा। केमिकल और वेपंस के अटैक के लिए भी खुद को रेडी करना होगा और इसके लिए देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने मजबूती से काम भी किया। बताते चलू कि देश में जो पांच थिएटर कमांड्स बनने वाली हैं, उसका इंसेप्शन, उसका आइडिया, जनरल रावत की ही देन है।