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Thursday, March 28, 2024

हाथरस गैंगरेप केस: यूपी पुलिस ने जबरन कर दिया पीड़िता का अंतिम संस्कार

नई दिल्ली। हाथरस की दलित बेटी के साथ हैवानियत भरी जो घटना घटी शायद उससे बुरा कुछ नहीं हो सकता। बेटी के साथ गैंगरेप की घटना ने परिवार को पूरी तरह से तोड़ दिया। बेटी के मौत से बिखर चुके परिवार को इस मुश्किल घड़ी में जरुरत कभी ना भरने वाले जख्म पर मरहम लगाने की, लेकिन यूपी पुलिस ने ऐसा बर्ताव कर दिया जो अपार पीड़ा झेल रहे घरवालों के जख्मों पर नमक लग गया। परिवार बेटी का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करना चाहता था, लेकिन पुलिस ने अपनी मर्जी से हैवानियत की शिकार लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया। घरवाले गुहार लगाते रहे कि 15 मिनट के लिए बेटी के आखिरी दर्शन कर लेने दिए जाएं, लेकिन पुलिस ने जबरन देर रात दो बजे पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया।

मंगलवार को पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस शव लेकर हाथरस पहुंची (जहां पीड़िता के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी) रात के करीब 12 बजकर 45 मिनट हो रहे थे। ग्रामीणों सड़को पर पहले से जमा थे। जैसे ही एंबुलेंस पहुंची लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साए ग्रामीण रास्ते में लेट गए। हर कोई पुलिस से सवाल करने लगा। पीड़िता के साथ हुई हैवानियत को लेकर हर किसी में गुस्सा था। एसपी-डीएम लड़की के बेबस पिता को अंतिम संस्कार के लिए समझाते रहे। घरवालों की तो बस इतनी सी इच्छा थी कि वो अपनी बेटा को रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहते थे। परिवार वालों ने पुलिस से हाथ जोड़कर घर ले जाने के लिए बेटी का शव मांगा, लेकिन यूपी पुलिस ने एक न सुनी और अपनी जिद पर अड़ी रही। लड़की की मां ने पुलिस वालो से कहा, मैं बेटी की अंतिम विदाई करना चाहती हूं, मुझे आखिरी बार उसके दर्शन करने दो, पुलिस ने पीड़ित परिवार की ये इच्छा भी पूरी नहीं की। पुलिस ने ग्रामीणों की मांग ठुकराते हुए पीड़िता के शव के चारों घेरा बनाकर रात 2 बजे अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान उन्होंने परिवार या ग्रामीणों को चिता के पास जाने तक नहीं दिया।

पीड़िता की जीभ काट दी और रीड़ की हड्डी भी तोड़ दी थी
हाथरस में चार लोगों की दरिंदगी का शिकार बनी ‘निर्भया’ ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। उसके साथ हैवानियत को इस कदर अंजाम दिया गया था कि चारों आरोपियों ने पहले उसके साथ रेप किया। पीड़िता पुलिस में बयान न दे इसलिए उसकी उसकी जीभ कट दी गई और रीढ़ की हड्डी तोड़ी दी गई। पीड़िता के पूरे शरीर पर जख्म के गहरे निशान थे। घटना 14 सितंबर की है और 15 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ते हुए पीड़िता ने मंगलवार को दम तोड़ दिया।

केंद्र और योगी सरकार निशाने पर
इस निर्मम घटना के बाद से जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं वहीं विपक्ष केंद्र की भाजपा सरकार को भी निशाने पर ले रहा हैं। यूपी में एक ओर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग हो रही है तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में जंगलराज होने की बात कही है।

योगी सरकार में अपराध का गढ़ बना यूपी: कांग्रेस
कांग्रेस ने युवती की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की महिला नेताओं के मौन को लेकर सवाल किए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में यूपी अपराध का गढ़ बन गया है। सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी आदि भी भाजपा की आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस घटना पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चूड़ियां भेजने वाली महिला नेता चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश की बात करते थे, लेकिन उन्होंने राज्य को अपराध का गढ़ बना दिया है।

बॉलीवुड में फूटा गुस्सा
हाथरस में हुई इस निर्मम घटना पर बॉलीवुड भी आक्रोशित है। अभिनेता अक्षय कुमार, फरहान अख्तर, रिचा चड्ढा और अभिषेक बच्चन सहित अन्य अभिनेताओं ने युवती से सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में दोषियों के लिए कठोर सजा की मांग की है।

अभिनेता अक्षय कुमार ने ट्वीट किया कि कब रुकेगा ये सब? हमारे कानून और उनका अनुपालन इतना कड़ा होना चाहिए कि सजा की सोचकर दुष्कर्म करने वालों की रूह कांप जाए। ऐसे दोषियों को फांसी पर लटका देना चाहिए। बेटियों और बहनों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाएं। हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं।
अभिनेता अभिषेक बच्चन ने ट्वीट किया कि ये बंद होना चाहिए। ये निराशा की हद से भी आगे है।
अभिनेता रितेश देशमुख ने भी कहा कि ऐसा अपराध करने वालों को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।
अभिनेत्री कृति सैनन ने इसे अंदर तक झंकझोर देने वाली घटना करार दिया।

ये हैं हाथरस पीड़िता के गुनहगार

ठाकुर संदीप सिंह (22 वर्ष) – वह 12वीं पास है और गांव में रहकर ही खेती का काम करता है।
लवकुश सिंह (19 वर्ष) – वह 10वीं कक्षा पास है और गांव में ही रहता है। कोई काम नहीं करता।
रामकुमार उर्फ रामू (28 वर्ष) – वह 12वीं पास है और दूध के एक चिलर पर काम करता है।
रवि सिंह (35 वर्ष) – वह 10वीं पास है और हाथरस में रहकर ही पल्लेदारी का काम करता है।

सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन हकीकत नहीं बदल रही
16 दिसंबर 2012 को राजधानी दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 7 साल के लंबे इंतजार के बाद दोषियों को फांसी की सजा हुई थी। इस इंसाफ की लड़ाई में निर्भया की मां आशा देवी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। हाथरस की घटना के बाद आशा देवी ने कहा कि इस पर कहने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है। मैं इन हालातों से गुजर चुकी हूं। मैं पीड़िता के परिवार और मां का दर्द समझ सकती हूं, लेकिन इन्हें इंसाफ के लिए खुलकर लड़ना होगा। आशा देवी ने कहा कि सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन हकीकत नहीं बदल रही है। मुंह छिपाने से कुछ नहीं होगा, इंसाफ के लिए आवाज उठानी होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले पुलिस कहती है कि रेप नहीं हुआ, अगर रेप नहीं हुआ तो मेडिकल जांच कराते। पुलिस के पास रिकॉर्ड नहीं है। ये कैसे संभव हो सकता है। इस घटना में पहले पुलिसवालों की जांच होनी चाहिए।

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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