नई दिल्ली। बच्चों की सेहत का ध्यान रखना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है, और कितने ऐसे लोग जो अच्छे से ध्यान भी नहीं रख पाते है बच्चों की हेल्थ का। ऐसे में कोरोना महामारी के आने के बाद एक चीज जो बहुत तेजी से लोगों के दिमाग में बैठी है, वह है इम्यूनिटी। इसलिए लोग कुछ भी करने को तैयार हैं। प्रोटीन पावडर से लेकर विटामिन सप्लीमेंट्स तक सब कुछ बिना जानकारी, बिना डॉक्टर की सलाह के धड़ल्ले से खाए जा रहे हैं। ऐसे में बच्चों की सेहत पर गलत असर भी पड़ता है।
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वहीं फिजिकल एक्टिविटीज की जगह वर्चुअल गेम्स ने ले ली है। बच्चे होमवर्क और मोबाइल में ही सारा दिन खत्म कर देते हैं। इसके कारण ही मोटापा, डायबिटीज और यहां तक कि कम उम्र में हाई बीपी जैसी समस्याएं भी बच्चों को शिकार बना रही हैं। कोरोना महामारी के आने के बाद समस्या और भी बढ़ गई है। ज्यादातर बच्चे घरों में बंद हैं। ताजी हवा का मिलना और फिजिकल एक्टिविटी लगभग बंद हो चुकी हैं। ऊपर से ऑनलाइन एक्टिविटीज बढ़ गई हैं। ऐसा स्थिति में बच्चों में पेट के रोग, सिरदर्द, मोटापा आदि के इलाज के लिए आ रहे हैं। तो हम आपको आज बताते है कि आप इन चीजों काध ध्यान रखतें हुए बच्चों का स्वस्थ्य सही रख सकते है।
1.बच्चों को प्रकृति ने इस तरह से बनाया है कि उनके शरीर को जो पोषक तत्त्व चाहिए, वह सामान्य भोजन और प्राकृतिक साधनों से ही मिल सकते हैं। बशर्ते बच्चे को कोई बीमारी या डिफिशिएंसी न हो। जन्म के छह माह बाद से आप बच्चे को घर का सामान्य भोजन पीसकर या मिक्सी में निकालकर खिला सकते हैं। इसके साथ ही जन्म से उसे मिलने वाला मां के दूध का पोषण भी उसकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। इसके बाद दो साल की उम्र के बाद बच्चे को घर में सबके साथ बैठाकर खाना खिलाएं।
2. हमेशा पैरेंट्स को बच्चे को दिनभर में चार बार का खाना-नाश्ता मिलना ही चाहिए। इसमें ब्रेकफास्ट, लंच, शाम का नाश्ता और फिर डिनर शामिल हैं। इसमें अभी सब्जियां, फल, सूखे मेवे, अनाज शामिल होना ही चहिए। बाहर का खाना कम से कम दें। दही, दूध, पनीर, मूंगफली, गुड़, खजूर, आदि बच्चों की डाइट में जरूर शामिल करें। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में बच्चे को पानी पीने की आदत डालें।
3. डाइट के अलावा जो चीज बच्चे की इम्यूनिटी को बरकार रखने और बढ़ाने में मदद कर सकती है, वह है फिजिकल एक्टिविटी। खासकर कोरोना काल में जब बच्चे अपना ज्यादा समय टीवी, कम्प्यूटर या मोबाइल पर बिता रहे हैं। यह जरूरी हो जाता है कि बच्चा खूब खेलें-कूदें। बच्चे के मन से कोरोना का डर निकालें और उसे मास्क लगाकर साइकिलिंग, दौड़ना आदि जैसी एक्टिविटीज करने दें। उसे बताएं कि खेलने के बाद या किसी भी बाहरी चीज को छूने के बाद उसे हाथ धोना है और मास्क को पहने रहना है। इतनी एहतियात काफी है।
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4. हमेशा याद रखें कि बच्चों की सेहत के लिए डॉक्टर की सलाह जरुरी है। डॉक्टर से जरूर पूछें
अगर आपके बच्चे को किसी बीमारी या अन्य शारीरिक अवस्था की वजह से किसी पोषक तत्व की कमी है तो डॉक्टर से राय लेकर उसे सप्लीमेंट्स दे सकते हैं। लेकिन यहां भी यह ध्यान रखना जरूरी है कि सप्लीमेंट्स एक समय सीमा, जो भी डॉक्टर ने बताई है, उससे ज्यादा न दिए जाएं।
कुछ इस तरह से अपने बच्चों का आप ध्यान रख सकते है। और सबसे खास यह हमेशा याद रखिए कि बच्चे का शरीर लगातार विकास कर रहा होता है। ऐसे में उसके शरीर पर हर चीज का असर उसी गति से होता है। सप्लीमेंट्स की अधिकता से बच्चे के शरीर को उल्टा नुकसान भी हो सकता है। इसलिए बेवजह सप्लीमेंट्स देने से बचें। वहीं उनके साथ खुश रहे, उनको बिजी रखें और हमेशा एक अच्छा समय बच्चों के साथ बिताए ताकि बच्चों में हमेशा खुशी देखने को मिले क्योंकि शरीरिक सेहत और मनासिक सेहत का कहीं ना कहीं जुड़ाव है।
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