नई दिल्ली। कर्नाटक के स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पहनने की मांग को लेकर शुरू हुआ विवाद (Hijab Controversy) एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) पहुंच गया है। दरअसल, मामले में गुरुवार (10 फरवरी) को Karnataka High Court ने अंतिम फैसला आने तक स्कूल और कॉलेजों में धार्मिक कपड़े नहीं पहनने का अंतरिम आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
Hijab Controversy: सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगी सुनवाई, याचिकाओं का तत्काल ट्रांसफर करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट सही समय पर हस्तक्षेप करेगा
Supreme court ने कहा कि वह देख रहा है कि कर्नाटक में क्या हो रहा है और हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से कहा कि इसे राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा न बनाएं। सुप्रीम कोर्ट सही समय पर हस्तक्षेप करेगा।
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक सरकार में हिजाब को लेकर विवाद (Hijab Controversy) की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी। उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा।
कर्नाटक सरकार के इस फैसले के बाद शुरू हुआ विवाद
गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं।
उच्च न्यायालय ने दिया था अंतरिम आदेश
सरकार के इस आदेश पर विवाद होने लगा, जिसके बाद कुछ छात्राओं ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कीं। इस याचिका को एकल पीठ ने चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बड़ी बेंच को भेज दिया, जिस पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने स्कूल-कॉलेज खोलने का अंतरिम आदेश जारी किया। साथ ही, आखिर फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी।