Hijab Controversy: हिजाब मामले में तुरंत सुनवाई को तैयार हुआ Supreme Court, याचिकाकर्ता ने परीक्षा को लेकर जताई थी चिंता
Breaking Desk | BTV bharat
हिजाब बैन मामले में अर्जेंट सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। सीनियर वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने आज सीजेआई के सामने मामला रखते हुए अर्जेंट सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लड़कियों को भी परीक्षा देनी है। जल्द ही एग्जाम शुरू होने वाले हैं। ऐसे में मुस्लिम लड़कियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए तत्काल निर्देश के जरूरत हैं।
कई ऐसी परीक्षाएं हैं जो कि सरकारी कॉलेजों में ही कराई जाएंगी
कई ऐसी परीक्षाएं हैं जो कि सरकारी कॉलेजों में ही कराई जाएंगी। कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सीनियर वकील ने कहा कि सरकारी ऑर्डर के हिसाब से राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब को इजाजत नहीं है। ऐसे में मुस्लिम लड़कियों की परीक्षा को लेकर चिंता है। बता दें कि अक्टूबर 20200 में दो जजों वाली बेंच की फैसले में मतभेद था।
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन को बरकरार रखा था
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन को बरकरार रखा था जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया का फैसला इसके विरोध में था। याचिका पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह मामले को देखेंगे और फिर तीसरी बेंच के सामने इसे रखेंगे। वकील ने कहा कि कई छात्राएं पहले भी एक साल का नुकसान कर चुकी हैं। सरकारी कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध लगने के बाद बहुत सारी छात्राओं को प्राइवेट कॉलेज में ऐडमिशन करवाना पड़ा। लेकिन दिक्कत यह है कि परीक्षाएं सरकारी कॉलेजों में ही होनी है। प्राइवेट कॉलेज परीक्षा नहीं करवा सकते। 6 फरवरी को प्रैक्टिकल शुरू हो रहे हैं। ऐसे में हम अंतरिम दिशानिर्देश की मांग करते हैं।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने 10 दिन मैराथन सुनवाई की थी
आपको बता दें कि कर्नाटक हिजाब बैन पर खंडित फैसला सुनाए जाने के बाद इसे प्रधान न्यायाधीश के पास ही बेज दिया गया था। इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने 10 दिन मैराथन सुनवाई की थी। दोनों जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया था। इसके बाद मामले को आगे की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच के गठने के लिए सीजेआई के पास भेज दिया गया था। जस्टिस धूलिया ने हाई कोर्ट के फैसले को गलत बताया था। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी थी।