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Friday, April 19, 2024

Hima Das: एथलीट से डीएसपी तक का सफर, कुछ ऐसे हुए सारे सपने पूरे

नई दिल्ली। हाल ही में देश की सबसे बड़ी खबर एथलीट हिमा दास को लेकर आ रही है, हिमा डीएसपी बन गई है। हम सबने हमेशा सुना है और देखा भी है कि मेहनत कभी असफल नही होती है, ना ही मेहनत करने वालों को जिंदगी में हार मिलती है। ऐसा ही कुछ हिमा दास के साथ हुआ है, उनको शुक्रवार को असम पुलिस में उप अधीक्षक (डीएसपी) बनाया गया। और इसके पूरा श्रेय हिमा की मेहनत और उनकी लगन का जाता है।

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हीमा दास का सफर

कहां सपनों के सफर आसान होते है, कहां आसानी ने मिलती है जीत अगर हम ऐसा कहते है तो सच है। अक्सर देखा जाता है कि सपनों की राह बहुत ही मुश्किलों सो भरी होती है और कई सारे संघर्षों के बाद कहीं जाकर खुशी नसीब होती है। वहीं जो हिमा दास का नाम आज के सभी अखबरों, न्यूज चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक छाया हुआ है उसको कुछ महीने पहले शायद ही कोई जानता होगा।

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हिमा सबसे पहले चर्चा में तब आई थी जब आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थी। वहीं हीमा ने 400 मीटर की दौड़ स्पर्धा में 51.46 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद तो हीमा धीरे-धीरे रेस में भाग लेती गई और कई सारे पदक और ऑवर्ड अपने नाम करती गई।

और इसके अलावा 18वें 2018 एशियाई खेल जकार्ता में हिमा दास ने दो दिन में दूसरी बार महिला 400 मीटर में राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़कर रजत पदक जीता है। वहीं हिमा देश की पहचान बन गई और एथलीट के तौर पर हर कोई हिमा की मेहनत और उनकी लगन की तारीफ करने लगा। सुर्खियों में हमेशा ही हिस्सा रही हीमा, और अब एक बार फिर से हीमा ने खुद को साबित कर दिया है।

हाल ही में एथलीट को लेकर खबर आई है कि शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने हिमा को नियुक्ति पत्र सौंपा और असम पुलिस में उप अधीक्षक (डीएसपी) बनाया। इस मौके पर पुलिस महानिदेशक समेत शीर्ष पुलिस अधिकारी और प्रदेश सरकार के अधिकारी मौजूद थे।

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बचपन का सपना सच हुआ

हिमा के सपने सच हो रहे है एक के बाद एक, तो जाहिर है कि एथलीट को बहुत ही खुशी का अनुभव प्राप्त हो रहा होगा। डीएसपी बनने के बाद हीमा ने कहा कि- मैं बचपन से ही एक पुलिस आधिकारी बनने का सपना देखते आई हुं ये बात कई लोगों को पता है। और मेरे आलावा मेरी मां भी चाहती थी कि मैं पुलिस आधिकारी बनूं और असम के लिए काम करुं।

आगे हिमा दास ने कहा- मैं पुलिस आधिकारी बनने की वजह से अपना खेल कभी नही छोडूगी, क्यों कि ‘मुझे सब कुछ खेलों की वजह से मिला है। मैं प्रदेश में खेल की बेहतरी के लिए काम करूंगी और असम को हरियाणा की तरह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बनाने की कोशिश करूंगी। असम पुलिस के लिए काम करते हुए अपना कैरियर भी जारी रखूंगी।’

आपको बता दे कि एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता और जूनियर विश्व चैंपियन हिमा का सपना सच होने का सफर कताई आसान नहीं रहा है। हिमा का जन्म असम राज्य के नगांव के कांधूलिमारी गांव में हुआ था। साधारण परिवार से होने के नाते हिमा को बहुत ही मेहनत करनी पड़ी है।

Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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