नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के साथ साथ एक और गंभीर बीमारी ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी ‘म्यूकोरमाइकोसिस’ (Mucormycosis का संकट मंडराने लगा है। देश के कई हिस्सों में बीमारी का दायरा बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है और ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ चुके हैं। कई मरीज तो अपनी जान तक गंवा चुके हैं। Black Fungus एक ऐसी बीमारी है जो आमतौर पर उन लोगों में पाई जाती है जो हाल ही में Covid-19 से उबर चुके हैं। जो लंबे समय से ऑक्सीजन के सपोर्ट पर हैं, या शुगर के लेवल को बढ़ा चुके हैं। ये ऑक्सीजन मास्क जैसे क्रिटिकल इक्यूपमेंट की खराब स्वच्छता की वजह से भी हो सकता है।
The chances of #Mucormycosis infection increase in diabetic patients, people with uncontrolled sugar levels & through misuse of steroids. If a diabetic patient infected with #COVID19 is taking steroids, the chances of fungal infection increase exponentially: Director, AIIMS pic.twitter.com/sigDglhd2X
— PIB India (@PIB_India) May 15, 2021
Sources:PIB India
ऐसे में अब AIIMS ने इस बीमारी को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में बताया गया है कि ब्लैक फंगस बीमारी के क्या लक्षण हैं? कौन से मरीज हाई रिस्क पर है और इससे कैसे निपटा जा सकता है।
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कौन से मरीज हाई रिस्क पर:-
AIIMS ने अपनी गाइडलाइन में बताया है कि ऐसे मरीज जिनकी डायबटीज कंट्रोल से बाहर है, वो हाई रिस्क पर हैं। इसके अलावा स्टीरॉयड लेने वाले डायबिटिक पेशेंट को ब्लैक फंगस होने का खतरा अधिक है।
डायबिटिक केटोएसिडोसिस (DKA) यानी ऐसे मरीज जिनके शरीर में शरीर में सर्कुलेट होने वाले इंसुलिन का लेवल कम है, वो भी हाई रिस्क पर हैं। इम्यूनोसप्रेसेन्ट या कैंसर रोधी उपचार, पुरानी दुर्बल करने वाली बीमारी के मरीजों को भी ब्लैक फंगस का खतरा अधिक है। ऐसे कोरोना संक्रमित मरीजों को भी ब्लैक फंगस होने का खतरा है जो नाक और मास्क के जरिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
ब्लैक फंगस के लक्षण:-
- नाक का बंद होना
- नाक से खून बहना, पपड़ी जमना या काला-सा कुछ निकलना
- सिर और आंख में दर्द
- आंखों के पास सूजन, धुंधला दिखना
- आंखों का लाल होना, कम दिखाई देना, आंख को खोलने-बंद करने में दिक्कत होना.
- मुंह को खोलने में या कुछ चबाने में दिक्कत होना
- चेहरे का सुन्न हो जाना या झुनझुनी-सी महसूस होना
- दांतों का गिरना, मुंह के अंदर या आसपास सूजन होना।
ऐसे लक्षणों का पता लगाने के लिए हर रोज़ खुद को चेक करें, अच्छी रोशनी में चेक करें ताकि चेहरे पर कोई असर हो तो दिख सके।
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क्या करें, ब्लैक फंगस के लक्षण मिलने पर:-
- ऐसा कोई भी लक्षण मिले तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके लिए आप ईएनटी या ophthalmologist को दिखा सकते हैं।
- स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक्स या एंटिफंगल की कोई भी दवा अपने आप न लें। जो भी दवा हो, डॉक्टर की सलाह से ही लें।
- डायबिटिक पेशेंट का शुगर कंट्रोल करना और लगातार उनकी मॉनिटरिंग करना।
- बीआई शुगर, आरएफटी, कल्चर टेस्ट के लिए नाक से स्वाब, चेस्ट एक्सरे, एमआरआई, सिटी स्कैन, पीएनएस, एंडोस्कोपी और वैसे कोई भी टेस्ट जो डॉक्टरों के द्वारा सुझाए जाएंगे।
अभी तक महाराष्ट्र में 90 लोग इस बीमारी ब्लैक फंगस के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। राजस्थान में भी इसके 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यूपी के भी कई जिलों में इस बीमारी के मरीज सामने आ चुके हैं। राजस्थान में इस बीमारी के इळाज के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं।